बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराने का विवादित आदेश महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया था। दरअसल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे सहित कुछ लोगों को इस बात से आपत्ति थी कि आखिर क्यों श्रीदेवी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हुआ। इस मामले में एक सूचना का अधिकार (आरटीआई) भी दायर की गई थी। जिससे तहत शुक्रवार को इस बात का खुलासा हुआ।
समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने फडणवीस के ‘सामान्य प्रशासन विभाग के प्रोटोकॉल विभाग’ से जानकारी मांगी थी कि श्रीदेवी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से कराने का अधिकार किसके पास है।
इसके जबाव में, विभाग ने बताया कि किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान से कराने का आदेश देने का अधिकार मुख्यमंत्री को होता है और मृत व्यक्ति को मिले किसी भी राष्ट्रीय सम्मान या पद्म सम्मान का इससे कोई संबंध नहीं था।
गलगली ने आरटीआई का जबाव पढ़ते हुए कहा कि, श्रीदेवी के नाम से मशहूर लोकप्रिय अभिनेत्री अम्मा यांगर अय्यप्पन के अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान से कराने का मौखिक आदेश 25 फरवरी, 2018 को मुख्यमंत्री कार्यालय से मिला था, जो मुम्बई उपनगरीय जिला अधिकारी और मुम्बई पुलिस महानिदेशक को बता दिया गया।
आरटीआई याचिका दायर करने का कारण पूछने पर कार्यकर्ता ने कहा कि राजकीय सम्मान के लिए योग्यता और इसका आदेश देने वाले अधिकृत व्यक्ति को लेकर संशय दूर करने के लिए उन्होंने याचिका दायर की थी। आरटीआई के जबाव में पता चला है कि 22 जून, 2012 से 26 मार्च, 2018 के बीच श्रीदेवी के अलावा 40 और हस्तियों का अंतिम संस्कार भी राजकीय सम्मान से हुआ है।
बता दें कि पिछले महीने राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा अभिनेत्री श्रीदेवी के निधन पर उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि करने के फैसले पर सवाल उठाए ए। उन्होंने कहा था कि, ‘श्रीदेवी एक शानदार अभिनेत्री थीं लेकिन उन्होंने देश के लिए ऐसा क्या किया था कि उनके शव को तिरंगे में लपेटा जाए।’
उन्होंने कहा कि, ‘श्रीदेवी की मौत शराब पीने के कारण हुई थी। इसके बाद उन्हें तिरंगे में लपेटकर राजकीय सम्मान दिया गया, जो कि गलत है। यह काफी दुखद है कि श्रीदेवी की मौत शराब पीकर बाथ टब में गिरने से हुई।’ ठाकरे ने कहा था कि ऐसा संभव है कि मीडिया ने नीरव मोदी-पंजाब नेशनल बैंक घोटाले से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सरकार के इशारे पर अभिनेत्री की अंत्येष्टि को इतने जोर शोर से दिखाया।