मोदी सरकार में देश के सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रंजीत कुमार व्यक्तिगत और पारिवारिक वजहों का हवाला देते हुए सॉलिसिटर जनरल के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। हालांकि, सरकार द्वारा कुमार के इस्तीफे को मंजूर किया है या नहीं अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। रंजीत कुमार यह जिम्मेदारी बीते तीन वर्षों से अधिक समय से संभाल रहे थे।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी नीत एनडीए की शानदार जीत के बाद केंद्र में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सुुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील मुकुल रोहतगी को देश का नया अटॉर्नी जनरल और रंजीत कुमार को नया सॉलिसिटर जनरल बनाया गया था।
बता दें कि पिछले दिनों रंजीत कुमार से पहले अटॉर्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने भी ऐसे ही मोदी सरकार से गुजारिश करते हुए अपने पद से मुक्त होने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद सीनियर वकील और संविधान के एक्सपर्ट के के वेणुगोपाल को भारत का नया अटार्नी जनरल नियुक्त किया गया था।
रंजीत कुमार सोहराबुद्दीन मुठभेड़ कांड सहित कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट के न्याय मित्र और गुजरात सरकार के वकील रह चुके हैं। साथ ही 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान रंजीत कुमार तब चर्चा में आए थे जब गुजरात में चर्चित महिला जासूसी विवाद में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में महिला के परिवार का पक्ष रखा था।
इसके अलावा कुमार बेंगलूरु की अदालत में लंबित आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जे जयललिता की ओर से पेश हो चुके हैं। बता दें कि अटॉर्नी जनरल और सोलिसिटर जनरल और एडिशनल सोलिसिटर जनरल विभिन्न अदालतों में सरकार की पैरवी करते हैं और पेचीदा मसलों पर कानूनी सलाह देते हैं।