आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार (11 अक्टूबर) को मीडिया क्षेत्र के दिग्गज ‘द क्विंट’ वेबसाइट के संस्थापक और मालिक राघव बहल के नोएडा स्थित घर और दफ्तर पर छापा मारा। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग की यह कार्रवाई कथित टैक्स चोरी की आशंका पर हुई है। आपको बता दें कि बहल ‘द क्विंट’ वेबसाइट के संस्थापक और देश के जाने माने पत्रकार हैं।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने द क्विंट के दफ्तर और इसके संपादक राघव बहल के घर आयकर विभाग के कार्रवाई पर चिंता जताई है। गिल्ड ने कहा है कि किसी खास नीयत से किए गए आयकर विभाग के सर्वे या छापे मीडिया की स्वतंत्रता पर आघात हैं और सरकार को इससे बचना चाहिए। गिल्ड का मानना है कि आयकर विभाग की इस तरह की सर्च और सर्वे मीडिया की आजादी को कमजोर कर देंगे। लिहाजा, सरकार को इस तरह की कोशिशों से बचना चाहिए।
Editors Guild of India expresses concern over the search and survey conducted by the Income Tax Department at the offices of The Quint and at the residence of its founder Raghav Bahl. pic.twitter.com/uEaAzMOZyl
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) October 11, 2018
आपको बता दें कि आयकर विभाग ने गुरुवार को कथित कर चोरी से जुड़े एक मामले में मीडिया क्षेत्र के दिग्गज राघव बहल के परिसरों की तलाशी ली। अधिकारियों ने बताया कि अधिकारियों की एक टीम ने तड़के नोएडा स्थित बहल के आवास पर छापा मारा और जिस मामले की जांच की जा रही है उससे संबंधित दस्तावेज तथा अन्य सबूत तलाश रहे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि विभिन्न लोगों द्वारा कर चोरी किए जाने के मामले से जुड़ी जांच के संबंध में कुछ अन्य लोगों के परिसरों की भी तलाशी ली जा रही है। आयकर विभाग की टीम टैक्स से जुड़े दस्तावेजों को खंगालने के मकसद से उनके घर और दफ्तर पर पहुंचीं। बहल समाचार पोर्टल ‘क्विंट और ‘नेटवर्क 18 समूह के संथापक और जाने-माने मीडिया कारोबारी हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों ने आलोचना
देश भर के पत्रकारों और सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्विटर के जरिए ने आयकर विभाग की कार्रवाई की आलोचना की है। लोगों ने इसे मीडिया के काम में दखल माना है। लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार ने लिखा है कि अकबर की ख़बर को भटकाने के लिए रास्ता खोजा जा रहा है। पुराना तरीका रहा है कि आयकर विभाग से छापे डलवा दो। आयकर छापे की खबर अकबर और रफाल डील की ख़बर को रोकने या गायब करने के लिए ज़रूरी है।
देखिए, लोगों के प्रतिक्रियाएं:-
I.T raids on @TheQuint offices and its founder @Raghav_Bahl home are cause for serious concern. Taxman has the right to ask all questions, but raids look like intimidation. If there is justification, govt must explain quickly. Or it will be seen as targeting critical media.
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) October 11, 2018
Income Tax survey on media baron Raghav Bahl and his company Quintillion Media. They are at our office too. But things have been smooth here. And we have showed our audit books etc https://t.co/G7tb2GYA4f
— Dhanya Rajendran (@dhanyarajendran) October 11, 2018
After Pranoy Roy, now @Raghav_Bahl is targeted. Raghav is one of the most credible media personalities. Now he is paying the price for being anti-establishment, criticising Modi Govt.
— ashutosh (@ashutosh83B) October 11, 2018
No doubt that Quint & Raghav Bahl are being raided by the IT Dept only because they have been critical of the govt & in order to intimidate the media. IT, ED & CBI are being misused by this govt like never before https://t.co/S8OteLrpdU
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) October 11, 2018
राघव बहल ने जारी किया बयान
आयकर विभाग की टीम जब राघव बहल के घर और उनके दफ्तर पहुंची तो उन्होंने मुंबई से एक बयान जारी किया। एडिटर्स गिल्ड को दिए बयान में राघव बहल ने कहा- ‘मेरे पास एडिटर्स गिल्ड के साथ शेयर करने के लिए एक गंभीर और चिंता वाला मामला है। आज सुबह जब मैं मुंबई में था, तभी दर्जनों इनकम टैक्स अफसर मेरे आवास और द क्विंट के दफ्तर पर “सर्वेक्षण” के लिए आ धमके। हम पूरी तरह से टैक्स नियमों का पालन करते हैं, और सभी उचित वित्तीय दस्तावेजों आयकर अधिकारियों को उपलब्ध कराएंगे। हालांकि, मैंने अपने दफ्तर में मौजूद एक अधिकारी मिस्टर यादव से बात की है, और उनसे अनुरोध किया है कि वो किसी भी अन्य मेल/दस्तावेज को न देखें या उठाएं, क्योंकि उनमें बहुत गंभीर/संवेदनशील पत्रकारिता सामग्री हो सकती है। अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम बेहद मजबूत सहारा लेना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि एडिटर गिल्ड इस मसले पर हमारा समर्थन करेगी, और इस तरह के किसी भी मामले के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगी, जो भविष्य में किसी भी अन्य पत्रकारिता संस्थान पर हो सकती है। उन्हें पत्रकारिता सामग्री की अनाधिकृत कॉपी लेने के लिए अपने स्मार्टफोन का दुरुपयोग भी नहीं करना चाहिए। मैं मुंबई से दिल्ली लौट रहा हूं।’
My note to the @IndEditorsGuild. pic.twitter.com/l1Gwmf1dDl
— Raghav Bahl (@Raghav_Bahl) October 11, 2018