सोशल मीडिया: "एम.जे. अकबर की ख़बर रोको, आयकर छापे की लाओ, कुछ करो, जल्दी भटकाओ…"

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फिल्म इंडस्ट्री से ‘मी टू’ अभियान की शुरुआत होने के बाद इसकी चपेट में मीडिया जगत भी आ गया है और इसकी लपटें मोदी सरकार के एक मंत्री को अपने लपेटे में ले रही हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर पर 6 वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने पूर्व संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं।
(Indian Express/File Photo)
इन महिलाओं ने उन पर तमाम मीडिया संस्थानों में संपादक रहते हुए यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। ‘मी टू’ अभियान के चलते कई महिलाओं की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सरकार की ओर से उन्हें नाइजीरिया दौरे को जल्द खत्म कर गुरुवार तक वापस लौटने को कहा गया है।
इतना ही अकबर को इस्तीफा भी देना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मामले में सख्त कदम उठा सकती है और वह व्यक्तिगत कारणों के हवाले से इस्तीफा दे सकते हैं। आपको बता दें कि विपक्ष एमजे अकबर को लेकर सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने एमजे अकबर से इन आरोपों के बाद इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस के बाद अब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी यौन शोषण के मामले में घिरे विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर के इस्तीफे की मांग की है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एमजे अकबर शुक्रवार को वापस लौटने वाले थे, लेकिन उन्हें अब गुरुवार को ही लौटने को कहा गया है। सरकार और पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों ने कहा कि वे उनके भविष्य को लेकर विचार करेंगे। एक अधिकारी ने कहा, ‘इस मसले पर विचार चल रहा है, लेकिन उनकी सफाई भी महत्वपूर्ण है।’
सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आए केंद्रीय मंत्री 
अकबर पर लगे आरोपों को लेकर मोदी सरकार अब भी खामोश है। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में जब इसपर सवाल किया गया तो उन्होंने इसपर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी सवाल किया गया तो उन्होंने भी चुप्पी साध ली थी। सरकार के मंत्री भले ही इस मामले में चुप हैं, लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स अकबर को बख्शने के मूड में नहीं है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार केंद्रीय मंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार ने अपने फेसबुक अकाउंट पर “अकबर की ख़बर रोको, आयकर छापे की लाओ, कुछ करो,जल्दी भटकाओ” शीर्षक से लिखा है, ‘अकबर की ख़बर को भटकाने के लिए रास्ता खोजा जा रहा है। पुराना तरीका रहा है कि आयकर विभाग से छापे डलवा दो। आयकर के छापे डलवा कर दूसरी खबरों को बड़ा और प्रमुख बनने का अवसर बनाया जा रहा है। हाल के दिनों में quint वेबसाइट ने सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर आलोचनात्मक रिपोर्टिंग की है। अब इसके मालिक राघव बहल के यहां छापे की ख़बर आ रही है। इस तरह से मीडिया में सनसनी पैदा किया जा रहा है। विपक्ष के नेताओं के यहां छापे पड़ेंगे।’
देखिए लोगों की प्रतिक्रियाएं:-


आपको बता दें कि भारत में जारी ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कई अन्य महिलाएं अपने अनुभवों को सार्वजनिक तौर पर शेयर कर रही हैं। अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अब अलग-अलग इंडस्ट्री की बाकी हस्तियों ने भी अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।
नाना पाटेकर के बाद जहां डायरेक्टर विकास बहल, मशहूर सिंगर कैलाश खेर, प्रसिद्ध लेखक चेतन भगत, अभिनेता रजत कपूर, मॉडल जुल्फी सैयद, फिल्मों और टीवी जगत के ‘संस्कारी बाबू’ यानी अभिनेता आलोक नाथ सहित ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ (एचटी) के ब्यूरो प्रमुख और राजनीतिक संपादक प्रशांत झा, रघु दीक्षित, कमेंटेटर सुहेल सेठ और महिला कॉमिक स्टार अदिति मित्तल भी ‘मी टू’ की चपेट में आए हैं, जिनपर यौन उत्पीड़न, बदसलूकी, गलत तरीके से छूने जैसे आरोप लगे हैं।

6 महिलाओं ने लगाया आरोप
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सबसे पहले प्रिया रमाणी (जो पहले इंडिया टुडे, द इंडियन एक्सप्रेस और मिंट में काम कर चुकी हैं) ने एमजे अकबर पर होटल के कमरे में बुलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने अक्टूबर 2017 के अपने एक लेख में उस अनुभव को साझा किया था। उन्होंने लिखा कि उनकी उम्र उस समय 23 साल थी और एम जे अकबर की 43 साल। संपादक ने उन्हें एक जॉब के इंटरव्यू के सिलसिले में मुंबई के एक होटल में बुलाया था, जहां वे अक्सर ठहरते थे।
इसके अलावा एमजे अकबर द्वारा मुंबई में एक होटल के कमरे में बातचीत के दौरान अपने अनुभव को साझा करते हुए स्वतंत्र पत्रकार कनिका गहलोत, जिन्होंने 1995 से 1997 तक एशियन युग और अन्य प्रकाशनों में अकबर के साथ काम किया, ने कहा कि, “मैंने रमाणी के लेख को नहीं पढ़ा था। लेकिन उन्होंने कई के साथ ऐसा किया है। मैंने अकबर के साथ तीन वर्षों तक काम किया। लेकिन शुरूआत में ही मुझे एक ने अागाह कर दिया था।”
वहीं, सुपर्णा शर्मा, जो अभी दिल्ली में द एशियन एज की रेजिडेंट एडिटर हैं, की उम्र उस समय करीब 20 साल थी। वे उस अखबार की लॉन्च टीम का हिस्सा थी, जहां उन्होंने 1993 से 1996 तक काम किया। वे अकबर को रिपोर्ट करती थीं। एक दिन वह अखबार का पेज बना रही थीं और अकबर उनके पीछे खड़े थे। शर्मा याद करते हुए बताती हैं, “उन्होंने मेरी ब्रा स्ट्रीप को खिंचा और कुछ कहा। मैं तुरंत उनके उपर चिल्लाई।” साथ ही शर्मा ने कई गंभीर आरोप लगाई हैं।

लेखिका शुमा राह ने बताया कि उन्हें एशियन एज में नौकरी के सिलसिल में एमजे अकबर के साथ एक इंटरव्यू के लिए 1995 में कोलकाता के ताज बंगाल होटल में बुलाया गया था। वे कहती हैं, “जब वे लॉबी में पहुंची, मुझे उपर आने कहा गया। मैंने ज्यादा नहीं सोचा। लेकिन इंटरव्यू के दौरान बेड पर बैठना मुझे काफी असहज लगा। अकबर ने मुझे जॉब आॅफर किया और कहा कि क्यों नहीं आप कभी मेरे साथ ड्रिंक पर आएं?” राहा ने कहा कि मैं इस टिप्पणी से डर गई अौर नौकरी नहीं ज्वाइन किया।
इसके अलावा पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने एमजे अकबर का नाम लिए बिना इसी तरह की एक घटना के बारे में 7 अक्टूबर को ट्वीट किया। वे कहती हैं, “एक ‘प्रख्यात’ संपादक ने मुझे ‘काम पर चर्चा’ करने के लिए होटल में बुलाया और फिर जब मैंने मना कर दिया तो पढ़ रहे मैगजीन को बेड पर रख दिया।” हालांकि सोमवार (8 अक्टूबर) को बिंद्रा ने अकबर का नाम शामिल किया। मंगलवार को अकबर के खिलाफ एक और पत्रकार सामने आईं। शतापा पॉल ने रमाणी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, “मी टू। एमजे अकबर 2010-11 कोलकाता में इंडिया टुडे में काम करने के दौरान।”

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