गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने को लेकर 111 दिनों से अनशन कर रहे वयोवृद्ध पर्यावरणविद एवं वैज्ञानिक प्रो. जीडी अग्रवाल (स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद) का गुरुवार (11 अक्टूबर) दोपहर को निधन हो गया। उन्हें बुधवार को हरिद्वार प्रशासन ने ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया था। जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद ने ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में प्राणों की आहुति दे दी।
स्वामी सानंद ने नौ अक्टूबर से जल भी त्याग दिया था। वह गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर तपस्यारत थे। आखिरकार गुरुवार की दोपहर उनका निधन हो गया। एम्स ने इस बात की पुष्टि की है। अग्रवाल गंगा की स्वच्छता के लिए अपनी मांगों को लेकर हरिद्वार स्थित मातृ सदन में आमरण अनशन पर बैठे थे।
प्रोफेसर अग्रवाल 22 जून से गंगा कानून की मांग को लेकर हरिद्वार के उपनगर कनखल के जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में अनशन पर बैठे हुए थे। स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से तेजी से लगातार बिगड़ता जा रहा था। जिसके बाद प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने स्वामी को आश्रम से उठाकर ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती करा दिया था।
स्वीमी सानंद ने प्रशासन और पुलिस पर जबरन उठाने का आरोप लगाया था। वो अपना अनशन रूपी तपस्या जारी रखने की बात कर रहे थे। जब पुलिस ने और प्रशासनिक टीम ने स्वामी को हॉस्पिटल में भर्ती किया तब भी सानंद का कहना था कि प्रशासन को उन्हें अनशन से उठाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने प्रशासन पर अपने अधिकारों से बाहर जाकर काम करने का आरोप लगाया था।
सोशल मीडिया पर भड़का लोगों का गुस्सा
वयोवृद्ध पर्यावरणविद एवं वैज्ञानिक प्रो. जीडी अग्रवाल (स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद) के निधन पर सोशल मीडिया पर लोग नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। देखिए, लोगों की प्रतिक्रियाएं:-
जीवनदायिनी माँ गंगा को बचाने के लिये 114 दिन तक उपवास रखने वाले गांधीवादी, जी डी अग्रवाल जी का देहावसान अत्यंत पीडा़दायक है।
मॉं गंगा का असली बेटा आज चला गया, पर वो आज भी क़राह रहीं है।
कब तक माँ गंगा,भाजपा की राजनीतिक अवसरवादिता की शिकार होती रहेंगीं?https://t.co/iTKu834Oy2
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 11, 2018
मोदी जी अब मत कहना गंगा माँ ने बुलाया है –
गंगा माँ अपने सच्चे पुत्र स्वर्गीय GD अग्रवाल के बलिदान के बारे में सवाल करेगी ।
न गंगा माँ साफ हुई, और न गंगा माँ के सच्चे पुत्र को आप बचा पाए ।
— Vikas Yogi (@vikaskyogi) October 11, 2018
गंगापुत्र स्वामी सानंद का निधन हो गया,पिछले 100 दिनो से अनशन पर थे, केंद्र की संवेदनहीन सत्ता उनके मरने का इंतज़ार करती रही, मैंने संसद में सरकार से उनका जीवन बचाने की प्रार्थना की थी लेकिन गंगा के नाम पर वोट लेने वाले गंगापुत्र को नही बचा सके। pic.twitter.com/6ayXCQYfZk
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 11, 2018
गंगा की “निर्मलता” के लिये “111” दिन से अनशन कर रहे, गंगा पुत्र स्वामी सानंद जी की मौत, इस देश की “गंदी” राजनीति और सरकार के “निकम्मेपन” का परिणाम है, उस “दिव्यात्मा” को “बारम्बार” नमन.
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) October 11, 2018
गंगा मैया को प्रदूषण से बचाने के लिए पूरी जिंदगी संघर्ष करने वाले प्रख्यात पर्यावरणविद श्री जी. डी. अग्रवाल का अनशन करते हुए निधन होना बेहद दुखद घटना है। परम पिता परमेश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
— Manish Sisodia (@msisodia) October 11, 2018
#GDAgarawal की गंगा के लिए 112 दिन अनशन के बाद आज उनकी मृत्यू हो गई, माडिया में एक आध टिकर छोड़ ख़बर ग़ायब है, मैं और @santoshk0 जुलाई में उन्हें कवर करने हरिद्वार गए थे , वो पुराना इंटरव्यू साझा कर रहा हूं.. दुखद है , जिन्हें मां गंगा ने बुलाया था वो चुप हैं #shame @ndtvindia https://t.co/GifvBlrrNw
— Saurabh shukla (@Saurabh_Ndtv) October 11, 2018
बेहद दुखद
कहा गया है फेकु और उसके अंडभक्त
नमामि गंगे योजना फेकू के जेब मे ही चला गया
गंगा को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिये काफी दिनों से आमरण अनशन पर बैठे साधू हो गये अमर । pic.twitter.com/ZgwwK6Krs5— Virendra Kumar Kewat (@Virendr55688671) October 11, 2018
देश के प्रधानमंत्री सिर्फ भाषणों में गंगा मईया को साफ करने की बात करते है असली गंगा पुत्र तो प्रख्यात पर्यावरणविद श्री जी. डी. अग्रवाल थे जिनका गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अनशन करते हुए निधन हो गया। परम पिता परमेश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। pic.twitter.com/moW0qs6Kr5
— Gulab Singh (@GulabMatiala) October 11, 2018
प्रिय उमा जी- प्रधानमंत्री जी,गंगा की सफ़ाई के लिये लड़ते लड़ते एक साधु ने जान दे दी.आपको तो पता होगा ना कि वो 112 दिन से अनशन पर थे।गंगा तो आप कभी साफ़ नहीं कर पाएँगे,कम से कम इस सन्यासी को तो बचा लेते।इस अक्षम्य अपराध के लिये माफ़ी भी नहीं माँगेंगे? @umasribharti @narendramodi
— Vinod Kapri (@vinodkapri) October 11, 2018
प्रोफेसर जी डी अग्रवाल नहीं रहे… उपवास पर बैठे संत का निधन — 111 दिनों की यह तपस्या और प्राणोत्सर्ग वस्तुतः माँ गंगा के लिए एक साधु का बलिदान है — प्रणाम !!
— Amitabh Agnihotri (@Aamitabh2) October 11, 2018