पिछले दिनों ‘फेक न्यूज़ यानी फर्जी खबरों’ को लेकर पत्रकारों की मान्यता समाप्त करने वाले विवादित आदेश देने वाली केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी रविवार (9 अप्रैल) को खुद अनजाने में ‘फेक न्यूज़’ की ‘शिकार’ हो गईं।केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के अलावा केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह भी झुठी खबरों के शिकार हो गए।
दरअसल, रविवार को दोनों मंत्री भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन के निधन की अफवाह के शिकार हो गए। स्मृति ईरानी और जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर फैल रहे टीएन शेषन की मौत की अफवाह पर ट्वीट कर श्रद्धांजलि दे डाली। हालांकि बाद में जानकारी मिलते ही दोनों ने ट्वीट हटा लिए। स्मृति ईरानी ने जितेंद्र सिंह के ट्वीट को रीट्वीट कर दुख जताया था।
जितेंद्र सिंह ने एक ट्वीट में लिखा, ”6 अप्रैल को टीएन शेषन नहीं रहे। एक दिन पहले ही उनकी पत्नी की मौत हुई थी। दोनों के बच्चे नहीं हैं। एक ईमानदार कैबिनेट सचिव और बाद में मुख्य चुनाव आयुक्त, जिन्होंने अपनी छाप छोड़ी। कई मायनों में… एक युग का अंत।” स्मृति ईरानी ने जितेंद्र सिंह के इस ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा- ”ओम शांति।”
दरअसल, दोनों ही मंत्रियों ने जिन टीएन शेषन को श्रद्धांजलि दी, वो अभी भी जिंदा हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि ये सच है कि कुछ दिन पहले टीएन शेषन की पत्नी की मौत हुई थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने शेषन के निधन की अफवाह भी फैला दी। इन दोनों ट्वीटस को डिलीट करने के बाद भी सोशल मीडिया पर लोग इन ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट शेयर कर स्मृति ईरानी पर निशाना साध रहे हैं।
दरअसल, स्मृति ईरानी से अनजाने में ये गलती होना इसलिए भी ज्यादा चर्चा में है, क्योंकि पिछले दिनों स्मृति ईरानी फर्जी खबरों पर लगाम कसती सी नजर आईं थीं। ईरानी ने फेक न्यूज़ फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात की थी। हालांकि इस प्रस्ताव को पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा खारिज कर दिया गया था।
देखिए, सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन:-
https://twitter.com/meamabhishek/status/982922946355257344?ref_src=twsrc%5Etfw&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.bbc.com%2Fhindi%2Fsocial-43695873&tfw_creator=bbchindi&tfw_site=bbchindi
Dear @smritiirani you have deleted your #FakeNews tweet without explanation but what hubris makes you think you can now regulate #onlineNews why not control the Bjp #FakeNewsFactory https://t.co/5I7TEMAlV6
— Swati Chaturvedi (@bainjal) April 8, 2018
Mr. @narendramodi, will you be able to take action on @smritiirani as she is spreading fake news wherein recently she came up with an order to stop fake news & now she has come up with a fake news by itself.
Madam please resign as we really don't need a fake Minister. pic.twitter.com/HDbzT3vObJ
— Bishnu (@Bishnu467) April 8, 2018
Arrest @smritiirani for spreading fake & false news against her own rules #FakeNews #JaisiKarniWaisiIrani pic.twitter.com/Hbhf795Na8
— Suryanarayan Ganesh (@gsurya) April 8, 2018
क्या था ‘फेक न्यूज’ पर विवादित आदेश?
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के मंत्रालय (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय) ने ‘फेक न्यूज’ को रोकने के लिए दो अप्रैल को नियमों की घोषणा की थी। इसके तहत ‘फेक न्यूज’ प्रकाशित या प्रसारित करने वाले पत्रकारों की मान्यता निलंबित करने/स्थायी रूप से खत्म करने की बात कही गई थी।
मंत्रालय ने जारी उस एक विज्ञप्ति में कहा था कि पत्रकारों की मान्यता के लिये संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है तो पहली बार ऐसा करते पाये जाने पर पत्रकार की मान्यता छह महीने के लिये निलंबित की जाएगी और दूसरी बार ऐसा करते पाये जाने पर उसकी मान्यता एक साल के लिए निलंबित की जाएगी।
इसके अनुसार, अगर तीसरी बार उल्लंघन करते पाये जाने पर पत्रकार (महिला/पुरूष) की मान्यता स्थायी रूप से रद्द कर दी जाएगी। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर मंत्रालय ने यह दिशानिर्देश वापस ले लिया। दरअसल, मीडिया संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने इन नियमों की आलोचना करते हुए इसे स्वतंत्र प्रेस की आवाज दबाने वाला बताया था। वहीं सोशल मीडिया पर भी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जमकर आलोचना हुई थी।