कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को किसान नरसंहार के मामले को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा सुनियोजित साजिश करार दिए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब गृह राज्य मंत्री के पद से अजय मिश्रा को हटाना चाहिए क्योंकि सच सामने आ चुका है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि अब उनके फिर से माफी मांगने का समय आ गया है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी, फिर से माफ़ी मांगने का टाइम आ गया…लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ। सच सामने है!’’
मोदी जी, फिर से माफ़ी माँगने का टाइम आ गया…
लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ।सच सामने है!#Lakhimpur #Murder pic.twitter.com/r5wfoOLHak
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 14, 2021
इस बीच, कांग्रेस की महासचिव और उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की भूमिका की भी जांच की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘न्यायालय की फटकार व सत्याग्रह के चलते अब पुलिस का भी कहना है कि गृह राज्य मंत्री के बेटे ने साजिश करके किसानों को कुचला था।’’
इसी ट्वीट में उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इस बात की जांच होनी चाहिए कि साजिश में गृह राज्य मंत्री की क्या भूमिका थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसान विरोधी मानसिकता के चलते उन्हें पद से भी नहीं हटाया है।’’
न्यायालय की फटकार व सत्याग्रह के चलते अब पुलिस का भी कहना है कि गृह राज्यमंत्री के बेटे ने साजिश करके किसानों को कुचला था
जांच होनी चाहिए कि इस साजिश में गृहराज्यमंत्री की क्या भूमिका थी? लेकिन @narendramodi जी किसान विरोधी मानसिकता के चलते आपने तो उन्हें पद से भी नहीं हटाया है। pic.twitter.com/ZLRNNefz7I
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 14, 2021
वहीं, प्रियंका गांधी ने एक प्रेस वक्तव्य शेयर करते अपने दूसरे ट्वीट में कहा, “मोदी जी किसानों को आपकी खोखली बातें नहीं सुननी हैं। प्रधानमंत्री होने के नाते अपनी संवैधानिक एवं नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए लखीमपुर किसान नरसंहार की साज़िश में गृह राज्यमंत्री की भूमिका की जाँच अविलम्ब शुरू करवाइये एवं उन्हें तुरंत बर्खास्त करिए।”
..@narendramodi जी किसानों को आपकी खोखली बातें नहीं सुननी हैं। प्रधानमंत्री होने के नाते अपनी संवैधानिक एवं नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए लखीमपुर किसान नरसंहार की साज़िश में गृह राज्यमंत्री की भूमिका की जाँच अविलम्ब शुरू करवाइये एवं उन्हें तुरंत बर्खास्त करिए।
प्रेस वक्तव्य pic.twitter.com/VjMBf35wVK
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 14, 2021
गौरतलब है कि, लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया, न कि लापरवाही थी। एसआईटी के मुख्य जांच निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में दिए गए आवेदन में आरोपियों के विरुद्ध उपरोक्त आरोपों की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है।
जांच अधिकारी ने आईपीसी की धारा 279, 338 और 304 ए की जगह वारंट में नई धाराएं जोड़ने के लिए आवेदन दायर किया है। जांच अधिकारी ने धारा 279 को बदलने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 34 (सामान्य इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य), 279 (सार्वजनिक रास्ते पर तेज गति से वाहन चलाना या सवारी करना), 338 (जो कोई इतनी जल्दबाजी या लापरवाही से किसी भी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाता है) और 304ए (लापरवाही से मौत का कारण) को जोड़ने का अनुरोध किया है।
बता दें कि, 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की एक एसयूवी की चपेट में आने से चार प्रदर्शनकारी किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी। एसआईटी ने इस मामले में अब तक मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा, लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, अंकित दास, लतीफ, शिशुपाल, नंदन सिंह, सत्यम त्रिपाठी, सुमित जायसवाल, धर्मेंद्र बंजारा, रिंकू राणा और उल्लास त्रिवेदी को गिरफ्तार किया है। वे लखीमपुर खीरी जिला जेल में बंद हैं। (इंपुट: भाषा और IANS के साथ)
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