न्यूयॉर्क एवं न्यूजर्सी में सप्ताहांत में हुए बम विस्फोटों के मामले में वॉन्टेड व्यक्ति को पकड़ने में पुलिस की मदद करने वाले सिख अमेरिकी हरिंदर सिंह बैंस ने कहा कि उन्हें इस बात का डर था कि उसकी आस्था को लेकर लोगों की मिथ्या धारणाओं के कारण उसे अपराधी समझा जा सकता था.
भाषा की खबर के अनुसार,51 वर्षीय हरिंदर सिंह बैंस ने कहा कि उन्हें बम हमलों के लिए जिम्मेदार अफगान मूल के अमेरिकी 28 वर्षीय अहमद खान रहामी को पहचानने के लिए नायक कहलाया जाना पसंद नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने वही किया जो कोई और अमेरिकी करता.
एक बार के मालिक बैंस ने कहा, ‘मैंने जब हमलों के बारे में सुना और जब मुझे यह एहसास हुआ कि संदिग्ध बार के बाहर दरवाजे पर सो रहा है, तो मैंने वही किया जो किसी अमेरिकी को करना चाहिए. मैंने पुलिस बुलाई. मैं नायक नहीं हूं. पुलिस नायक है, ईएमटी नायक हैं, न्यूयॉर्क एवं न्यूजर्सी को आज एकजुट करने के लिए काम कर रहे लोग नायक हैं.’
उन्होंने कहा कि एक सिख अमेरिकी के तौर पर वह समझते हैं कि ‘मुझे अपराधी समझा जा सकता था. मेरी आस्था मुझे सभी के लिए न्याय एवं सहिष्णुता की शिक्षा देती है और मैं जानता हूं कि मैं एक ऐसे समुदाय में रहता हूं जिसके विचार भी इसी तरह के हैं.’