कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं। महाराष्ट्र सरकार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी शिवसेना, विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने मंगलवार (15 मई) को कर्नाटक विधानसभा के नतीजों की घोषणा होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए।
लंबे समय से ईवीएम के प्रबल विरोधी रहे एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने कर्नाटक के नतीजों पर संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘यह ईवीएम की जीत है।’ वहीं, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बीजेपी को कर्नाटक के उन क्षेत्रों में इतने वोट कैसे मिल सकते हैं, जहां वह इतनी कमजोर रही है।
#KarnatakaVerdict
It’s a victory for the ‘Electronic Voting Machine’ !— Raj Thackeray (@RajThackeray) May 15, 2018
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक एनसीपी ने कहा, ‘यह ईवीएम की भूमिका पर सवाल उठाता है। भारत निर्वाचन आयोग को ईवीएम को लेकर लोगों के डर पर ध्यान देना चाहिए और बैलट पेपर से वोट डलवाने चाहिए। इसमें थोड़ा वक्त जरूर लगता है लेकिन यह सभी आशंकाओं को दूर कर देगा। इसलिए आयोग को इस पर विचार करना चाहिए।’
वहीं, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मैं कर्नाटक के सभी विजेताओं को बधाई देता हूं, चाहे वे बीजेपी के हो या कांग्रेस के।’ उन्होंने कहा हालांकि ईवीएम का रहस्य अभी तक सुलझा नहीं है। सभी संदेहों को दूर करने के लिए बैलट पेपर वोटिंग जरूरी है।
ठाकरे ने कहा, ‘अगर बीजेपी खुद को लेकर बहुत आश्वस्त है तो पूरे भारत में हमेशा के लिए बैलेट पेपर से वोटिंग की घोषणा कर दे। इसके बाद विपक्ष भी चुप हो जाएगा।’ बीजेपी पर हमला बोलते हुए उद्धव ने कहा कि उसके उम्मीदवार राज्य चुनाव में जीतते हैं लेकिन उप चुनाव में हार जाते हैं। शिवसेना भी लंबे समय से ईवीएम से चुनाव कराने का विरोध करती रही है।