बिहार से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी की घोषणा के खिलाफ अपने ट्विटर अकाउंट से मोर्चा खोला हुआ था। लेकिन सरकार के खिलाफ लिए गए फैसलों पर अपनी बेबाक राय रखना शत्रुघ्न सिन्हा के लिए भारी पड़ता नज़र आ रहा है। सिन्हा ने सरकार के फैसले नोटबंदी और मोबाइल ऐप पर किए गए ट्विट्स को डिलीट कर दिया है।
उन्होंने ट्व्ट्सि किए थे कि ‘मूर्खों की दुनिया में जीना बंद करें। ये मनगढ़ंत कहानियां और सर्वे निहित स्वार्थों के लिए किया गया है। इस मुद्दे की गहराई में जाएं। गरीबों, परेशान, मतदाताओं, समर्थकों और महिलाओं के तकलीफ को समझना चाहिए।
इमरजेंसी के लिए जोड़ी गई माताओं और बहनों की कमाई की तुलना काले धन से नहीं की जानी चाहिए।’ सिन्हा ने एक साथ तीन ट्वीट्स किए थे।
उन्होने केंद्र सरकार पर तीखे वार किए थे और नाम लिए बगैर ही पीएम मोदी पर हमला बोलते हूए नोटबंदी पर कराये गए सर्वे को प्लांटेड बता दिया था। सोशल मीडिया पर अपनी ही पार्टी पर इस तरह से बोलने पर शत्रुघ्न सिन्हा को कमबैक करना पड़ा। सिन्हा ने अपने ट्वीट्स को डिलीट कर दिया है।
हालांकि, उन्होंने तीसरा ट्वीट डिलीट नहीं किया, जिसमें उन्होंने महिलाओं द्वारा आपात समय के लिए जमा किए गए रुपयों को कालाधन से तुलना नहीं करने की अपील की है। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने ट्वीट क्यों डिलीट किए ये नहीं पता चला लेकिन इतना स्पष्ट जरूर है कि इससे पार्टी की छवि का अंदरूनी चेहरा सबके सामने आया है।