केरल की तिरुअनंतपुरम सीट से कांग्रेस सांसद शशि थरूर और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी अब तक भले ही पत्रकारों के सवालों के जवाब देते रहे हों, लेकिन अब वो भी सवाल पूछते नजर आएंगे। ये दोनों नेता नए शुरू हुए ‘संसद टीवी’ के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों की मेजबानी करेंगे। थरूर के शो का नाम ‘टू द प्वाइंट’ है जिसमें वह विभिन्न हस्तियों से सवाल करेंगे, जबकि प्रियंका ‘मेरी कहानी‘ नामक कार्यक्रम की मेजबानी करती दिखेंगी जिसमें संसद की महिला सदस्य उनके साथ जीवन के अपने सफर की कहानी साझा करेंगी।
इस बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) से कहा, ‘‘मैंने यूएन टेलीविजन के लिए माइकल डगलस (हॉलीवुड अभिनेता) और कई अन्य हस्तियों के साक्षात्कार किये थे। इसलिए मैं यह दावा जरूर कर सकता हूं कि एक एंकर के तौर पर मेरे पास अनुभव है। लेकिन यह मेरे लिए थोड़ा नया बदलाव जरूर होगा कि सवालों के जवाब देने की बजाय लोगों से सवाल पूछने होंगे।’’
प्रियंका ने कहा, ‘‘यह दिलचस्प जगह है क्योंकि यहां विमर्श पर आपका नियंत्रण होगा… आप मेहमानों से जैसा सवाल चाहें, वो पूछ सकते हैं।’’
संसद टीवी पर अर्थशास्त्री विवेक देबरॉय, सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भी अलग अलग कार्यक्रमों की मेजबानी करते दिखेंगे।
गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ मिलकर बुधवार को संसद टीवी की शुरुआत की थी। लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी को मिलाकर यह नया चैनल आरंभ किया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, सरोद वादक अमजद अली खान उन मेहमानों में शामिल हैं जो थरूर के शो में नजर आएंगे। प्रियंका के शो में भारतीय शास्त्रीय नर्तक सोनल मान सिंह मेहमान के तौर पर शिरकत करेंगी।
तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य और संसद की सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति के प्रमुख थरूर ने कहा, ‘‘यह कार्यक्रम इस तरह से तैयार किया गया है इसमें जीवन की गहराई और कार्यों को छुआ जाएगा तथा इसमें टकराव वाले सवाल-जवाब नहीं होंगे, बल्कि सरल एवं सहज संवाद शैली दिखेगी।’’
महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य प्रियंका ने कहा कि उनका कार्यक्रम महिला सांसदों के संसद के तक के सफर पर केंद्रित होगा तथा निजी जीवन एवं संसदीय कार्य के बीच संतुलन के बारे में पूछा जाएगा। उनका कहना है कि इस कार्यक्रम में राजनीतिक दलों के बारे में नहीं, महिला सांसदों के बारे में बात होगी।