24 घंटे के अंदर महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार के लिए आगे की राह आसान नहीं नजर आ रही है। नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन तोड़ने के बाद उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। इस बीच नीतीश कुमार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते बताने वाले पूर्व जेडीयू अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने एक बार फिर हमला बोला है।जेदयू में दरार की खबरों के बीच राज्यसभा सांसद शरद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि 11 करोड़ लोगों ने महागठबंधन के प्रति विश्वास प्रकट किया था और वह विश्वास जरूर कायम नहीं रहा। बता दें कि शरद यादव लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बातों से समर्थन करने से बचते दिख रहे हैं।
यादव ने कहा कि नीतीश मेरे साथी है और मैं उनकी बातों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। हर बयान पर हर समय टिप्पणी करना ठीक नहीं है। दरअसल, नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 में भी कोई हरा नहीं सकता, क्योंकि उनके मुकाबले का कोई नहीं है।
नीतीश द्वारा पीएम मोदी की प्रशंसा के इस सवाल पर जब शरद यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे। यादव ने कहा कि जहां तक हारने या जीतने का सवाल है, इसके बारे में समय बताएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इतना जरूर है कि 11 करोड़ लोगों ने महागठबंधन के प्रति विश्वास प्रकट किया था और वह विश्वास जरूर कायम नहीं रहा।
यादव ने आगे कहा कि मुझे धरती पर कभी भी किसी से भय नहीं लगा। हमने हमेशा देश, किसान, दलित, अकलियत आदि के लिये काम किया। 42 वर्ष से संसद से जुड़ा रहा हूं और साढ़े चार वर्ष जेल में भी रहा। कुछ लोग एक बार मीसा के तहत बंद हुए, वे इसका भजन गाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए मैं इंसाफ के रास्ते पर चलने वाला हूं। सत्ता और सुख का लोभ न पहले था और न आगे रहेगा।
इससे पहले भी संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए शरद यादव ने सोमवार को कहा था कि मैं बिहार में लिए गए फैसले से सहमत नहीं हूं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। जनादेश इसके लिए नहीं था। बता दें कि शरद यादव के अलावा जेडीयू सांसद अली अनवर ने भी खुलकर नीतीश कुमार के फैसले का विरोध कर चुके हैं।
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई मुकाबला नहीं है। देश में अब किसी नेता में यह क्षमता नहीं है कि उनका मुकाबला कर सके। उनके सिवाय कोई दूसरा 2019 में दिल्ली की गद्दी पर काबिज नहीं हो सकता।


















