गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुक्रवार(21 जुलाई) को कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। राज्य के बड़े नेताओं में से एक शंकर सिंह वाघेला ने अपने जन्मदिन के मौके पर गांधीनगर में कांग्रेस छोड़ने का एलान कर दिया। शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि कांग्रेस के सारे पद छोड़ रहा हूं, कोई नई पार्टी नहीं बनाऊंगा।
File Photo: Indian Expressवाघेला ने अपने जन्मदिन पर कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने के साथ ही उन्होंने खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने की बात कही। वाघेला ने कहा, ‘मैं अपने आप कांग्रेस को अपने से मुक्त करता हूं। मैं बीजेपी या किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल नहीं होने जा रहा हूं।’ वाघेला ने कहा कि विधानसभा में नेता विपक्ष के पद से भी इस्तीफा दे रहा हूं। 15 अगस्त को विधायक पद से भी इस्तीफा दे दूंगा।
इससे पहले इस बारे में जानकारी देते हुए खुद वाघेला ने कहा कि मुझे 24 घंटे पहले कांग्रेस से निकाल दिया गया है।हालांकि, वाघेला के आरोपों को कांग्रेस ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्त रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी ने वाघेला को निकाला नहीं है। उनके जाने से हमे दुख है। एक जमाने में गुजरात में बीजेपी के दिग्गज नेता और अब कांग्रेसी शंकर सिंह वाघेला ने अपने 77वें जन्मदिन के अवसर पर यह अहम एलान किया।
इस कार्यक्रम में वाघेला के समर्थक नेता जुटे थे। हालांकि, कांग्रेस ने अपने नेताओं से वाघेला के कार्यक्रम में जाने को मना कर दिया था। इस मौके पर वाघेला ने कहा कि अभी मैं कांग्रेस में हूं, लेकिन पार्टी ने हमको 24 घंटे पहले निकाल दिया है। वाघेला ने कहा कि विनाशकाले विपरीत बुद्धि। उन्होंने कहा कि अभी मैं 77 नॉट आउट हूं और जनता हमारी संजीवनी है। उन्होंने आगे कहा बापू रिटायर नहीं होगा, ये मेरी जिंदगी का निर्णायक मौका है।
वाघेला ने अपनी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से रिश्तों के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि मेरा आरएसएस से पुराना नाता है। मेरे साथ आरएसएस के अच्छे लोग संपर्क में आए। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने दूसरे की सेवा करना सिखाया है। साथ ही वाघेला ने कहा कि हम जैसे हैं वैसे ही दिखते हैं। मैंने तो लाल बत्ती 20 साल पहले हटा दी थी।
जानकारों का मानना है कि इसी साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वाघेला के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की राज्य यूनिट में विभाजन हो सकता है। साथ ही पिछले दो दशक से राज्य की सत्ता से बाहर कांग्रेस की इस बार सत्ता में लौटने के मंसूबों पर पानी फिर सकता है।
शंकर सिंह वाघेला लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे था। हालांकि, पिछले महीने बीजेपी में घर वापसी की अटकलों को विराम देते हुए उन्होंने साफ किया था कि वे बीजेपी में नहीं जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी की कार्य प्रणाली को लेकर आक्रोश जताया था।
शंकर सिंह वाघेला ने कहा था कि पार्टी नेतृत्व अगर गुजरात में इसी तरह ‘आत्मघाती मार्ग’ पर चलती रही तो वह उनके पीछे नहीं जाएंगे। वाघेला ने यह भी कहा था कि उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी की जरूरत के बारे में अपनी बात रखी है, लेकिन राज्य के अन्य नेता ‘उन्हें कांग्रेस से बाहर करने के लिए काम कर रहे हैं।