जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के बड़े पैमाने पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के निर्णय पर पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष शाह फैसल ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि घाटी में यह अफवाह जोरों पर है कि कुछ बड़ा भयानक होने वाला है।
फाइल फोटोभारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति में उतरे शाह फैसल ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘घाटी में अचानक सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के गृह मंत्रालय के फैसले से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। कोई नहीं जानता कि यह तैनाती क्यों की जा रही है। ऐसी अफवाहें हैं कि घाटी में कुछ भयानक घटित हो सकता है। क्या अनुच्छेद 35ए को लेकर।’’
This MHA communique regarding deployment of additional 100 Coys of CAPF is fueling huge anxiety in Kashmir.
No one knows why this sudden mobilization of forces is being done.
Rumor is that something sinister is about to happen.
Article 35a?
It is going to be a long night. pic.twitter.com/kvFH5gMaEb
— Shah Faesal (@shahfaesal) July 26, 2019
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है जिसमें जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किये जाने का उल्लेख है। इसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 50, सीमा सुरक्षा बल ((बीएसएफ) की 10, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 30 और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 10 कंपनियों की तैनाती की जायेगी।
बता दें कि, अतिरिक्त जवानों की तैनाती का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के जम्मू-कश्मीर के दो दिन के दौरे से लौटने के बाद लिया गया है। रिपोर्टों के अनुसार अपने दौरे के दौरान अजीत डोभाल ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की थी। मोदी सरकार ने दोबारा में सत्ता में आने के बाद अजीत डोभाल को एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था। इतना ही नहीं इस बार मोदी सरकार ने अजित डोभाल को केंद्रीय मंत्री का दर्जा भी दिया था।
गौरतलब है कि, नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्र में दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनने के बाद से जम्मू-कश्मीर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हाल ही में घाटी का दौरा कर चुके हैं।