जितिन प्रसाद के BJP में शामिल होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली बोले- पार्टी को ‘बड़ी सर्जरी’ की जरूरत, सिर्फ विरासत पर निर्भर नहीं करना चाहिए

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के एक दिन बाद गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को ‘बड़ी सर्जरी’ की जरूरत है और उसे सिर्फ विरासत पर निर्भर नहीं करना चाहिए, बल्कि नेताओं को जिम्मेदारी देते हुए वैचारिक प्रतिबद्धता को पाथमिकता देनी चाहिए। प्रसाद पर ‘व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा’ को सर्वोपरि रखने का आरोप लगाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत से ही जितिन प्रसाद की वैचारिक प्रतिबद्धता संदेह के घेरे में थी और उनके प्रभारी रहने के दौरान पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का खाता नहीं खुलने का मतलब यह है कि वह अक्षम थे।

एम वीरप्पा मोइली
फाइल फोटो: सोशल मीडिया

एम वीरप्पा मोइली ने समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) को दिए साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को पार्टी के नेताओं का उचित आकलन करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर कोई व्यक्ति काबिल नहीं होगा तो उसे कोई भी जन नेता नहीं बना सकता। पूर्व केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, कांग्रेस को इन चीजों को लेकर पुनर्विचार करने और नए सिरे से रणनीति बनाना चाहिए और इसके बाद ही पार्टी मजबूत हो सकती है।

मोइली ने कहा, ‘‘पार्टी को सही लोगों के साथ पुनर्संगठित किया जाए और ऐसे अक्षम लोगों को जिम्मेदारी नहीं दी जाए जो परिणाम नहीं दे सकते। यह एक सबक है। इन घटनाक्रमों को देखते हुए कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या प्रसाद का भाजपा में जाना कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के लिए कोई संदेश है तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि नेतृत्व को नेताओं के पुराने इतिहास, विचारधारा और आम लोगों के प्रति उनके रवैये को ध्यान में रखते हुए उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए।

पिछले लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी में ‘बड़ी सर्जरी’ की पैरवी करने वाले मोइली ने एक बार फिर कहा कि कांग्रेस ने ‘बड़ी सर्जरी’ करने में देर कर दी और यह अभी करना जरूरी है क्योंकि आने वाले कल का इंतजार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘अगले साल सात राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद फिर 2024 में लोकसभा चुनाव होना है। अगर हम विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो फिर लोकसभा चुनाव में ज्यादा दिक्कत आएगी।’’

मोइली ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘कांग्रेस को सिर्फ विरासत पर निर्भर नहीं करना चाहिए, बल्कि हमें अपने आप को दुरुस्त करने और नरेंद्र मोदी की ओर से की जाने वाली प्रतिस्पर्धी राजनीति के लिए तैयार करने की जरूरत है। ऐसा नहीं है कि मोदी अजेय हैं। पार्टी को फिर से पटरी पर लाकर उन्हें पराजित किया जा सकता है। अभी बड़ी सर्जरी की जरूरत है।’’

 

गौरतलब है कि, मोइली भी प्रसाद के साथ उन 23 नेताओं के समूह में शामिल थे जिसने कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग करते हुए पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी में नेतृत्व के प्रश्न की वजह से समस्या पैदा हो रही है तो मोइली ने कहा कि अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रेरित कर सकती हैं और फैसला भी ले सकती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास नेता है, इसलिए वो कई मुद्दा नहीं है। सोनिया जी हैं तो फिर कोई रिक्त पद नहीं है। उन्हें आगे बढ़कर पार्टी में बड़ी सर्जरी करनी होगी।’’ मोइली ने कहा कि युवा नेताओ को जिम्मेदारी देते समय उनके वैचारिक रुख को देखा जाना चाहिए।

गौरतलब है कि, जितिन प्रसाद ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। जितिन प्रसाद का नाम उन युवा नेताओं में शुमार होता रहा है जो राहुल गांधी के बेहद करीब माने जाते रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

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