कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के समक्ष पेश न होने का संकल्प लिया है। सोमवार (23 अप्रैल) को उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू द्वारा चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को खारिज किए जाने के फैसले को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। उन्होंने कहा कि पार्टी याचिका तैयार करने की प्रक्रिया में है और यह 1-2 दिन में दायर कर दी जाएगी।
NBT के मुताबिक सिब्बल ने कहा कि महाभियोग नोटिस पर हस्ताक्षर करनेवालों में शामिल होने के कारण वह चीफ जस्टिस (CJI) के समक्ष पेश नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि, ‘मैं प्रधान न्यायाधीश के समक्ष पेश नहीं होऊंगा। यह मेरे पेशेवर मूल्यों में शामिल है। अगर मैं सीजेआई के खिलाफ किसी प्रस्ताव पर दस्तखत करनेवालों में शामिल हूं तो मैं उस न्यायाधीश के सामने कैसे पेश हो सकता हूं? क्या यह शिष्टता और पेशे के मानकों के खिलाफ नहीं है।’
सिब्बल ने आगे कहा कि वह यह स्पष्ट रूप से कह चुके हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी के दूसरे सहयोगी- अभिषेक मनु सिंघवी, विवेक जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता और अन्य भी उनका अनुसरण करेंगे? सिब्बल ने कहा, ‘मैंने वह कहा है जो मैं करूंगा। दूसरों का उनकी अंतरात्मा पर निर्भर करता है, अन्य लोगों के बारे में निर्णय करना मेरा काम नहीं है।’
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार कपिल सिब्बल ने कहा कि जब तक सीजेआई रिटायर नहीं हो जाते, तब तक वो उनकी कोर्ट में नहीं जाएंगे। क्योंकि मैं अपने पेशे में नैतिकता के उच्चतम मानदंडों (हाई स्टैंडर्ड) का पालन करता हूं।
सिब्बल ने कहा कि मेरे अलावा 63 अन्य लोगों ने भी जस्टिस दीपक मिश्रा को उनके पद से हटाने की मांग की है। मैं अब सोमवार से सीजेआई की अदालत में नहीं जाऊंगा। सिब्बल ने कहा कि अगर सीजेआई दीपक मिश्रा रिटायरमेंट तक सुनवाई करेंगे तो यह मानकों के खिलाफ होगा।