राकेश अस्थाना को CBI का स्पेशल डायरेक्टर बनाने को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा ने सुनवाई से खुद को किया अलग

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गुजरात कैडर के IPS अधिकारी राकेश अस्थाना को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक (स्पेशल डायरेक्टर) के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। अब 17 नवंबर को दूसरी बेंच के सामने इस मामले को रखा जाएगा। इस मामले में दायर याचिका पर आज (13 नवंबर) सुनवाई होनी थी।

(Photo Source: Rakesh Asthana / Facebook)

बता दें कि राकेश अस्थाना को सीबीआई के विशेष निदेशक के तौर पर नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव को पिछले महीने 22 अक्टूबर को मंजूरी दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अस्थाना सहित सीबीआई, आईबी, बीएसएफ और एनआईसीएफएस में आठ अधिकारियों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

जिसके बाद एक एनजीओ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (9 नवंबर) को कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक के रूप में गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर वह 13 नवंबर को सुनवाई करेगा।

एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था।भूषण ने पीठ से कहा था कि, ‘‘यह मामला विशेष सीबीआई निदेशक के रूप में एक व्यक्ति की नियुक्ति का है। हम इसे चुनौती दे रहे हैं। कृपया मामले पर जल्दी, शुक्रवार या सोमवार को सुनवाई करें।’’ याचिका में अस्थाना की नियुक्ति को ‘‘अवैध’’ और ‘‘मनमाना’’ बताया गया है।

याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई एक मामले की जांच कर रही है जिसमें अस्थाना का नाम आया है। अस्थाना की नियुक्ति रद्द करने की मांग करते हुए याचिका में केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि वह आईपीएस अधिकारी के खिलाफ मामले की पृष्ठभूमि में एजेंसी से उनका तबादला करे।

रिपोर्ट के मुताबिक, याचिका में दावा किया गया है कि सरकार और चयन समिति ने इस संबंध में सीबीआई निदेशक की राय के विरुद्ध फैसला किया जो कानून का उल्लंघन है। उसमें यह भी कहा गया है कि विशेष निदेशक सीबीआई में दूसरे नंबर का अधिकारी होता है और एजेंसी के तहत आने वाले लगभग सभी मामलों की निगरानी करता है।

 

 

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