इस्लामोफोबिया सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद सऊदी अरब की एक यूनिवर्सिटी ने भी सख्ती दिखाई है। एक सऊदी अरब विश्वविद्यालय ने भारतीय मूल के एक प्रोफेसर को इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी किए जाने पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। बता दें कि, भारत का यह आदमी उन भारतीयों की सूची में सबसे नया शामिल हो गया है, जिन्हें खाड़ी क्षेत्र, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपनी कट्टरता के लिए अपनी नौकरी गवानी पड़ी हैं।
सऊदी अरब की प्रीमियम यूनिवर्सिटी कही जाने वाली जाज़ान यूनिवर्सिटी ने द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा गया है, “एक अनुबंधित संकाय सदस्य द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट और ट्वीट के प्रकाशन के बारे में विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा बताई गई बातों के आधार पर, उसका पंजीकरण / संबद्धता रद्द कर दी जाती है। जाज़ान विश्वविद्यालय इस बात की पुष्टि करता है कि वह किसी भी चरमपंथी / चरम विचारधारा के साथ दृढ़ता से निपटेगा जो मूल नियमों को प्रभावित करता है या महान नेतृत्व की दिशा को बाधित करता है।”
بناء على ما تم رصده من قبل الجامعة حول نشر أحد أعضاء هيئة التدريس المتعاقدين لمنشورات وتغريدات مسيئة، فقد سبق طي قيده.
وتؤكد #جامعة_جازان تصديها بكل حزم لأي أفكار منحرفة، أو متطرفة تمس الثوابت أو تخالف توجهات القيادة الرشيدة. pic.twitter.com/SdSGDRl6H0— جامعة جازان (@JazanUniversity) May 18, 2020
नीरज बेदी पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर इस्लाम को लेकर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। डॉ प्रोफ़ेसर नीरज बेदी सऊदी अरब के जज़ान यूनिवर्सिटी में कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफ़ेसर थे। इनकी सैलरी 35000 रियाल यानी इंडियन सात लाख रुपए प्रतिमाह थी। सऊदी में रहकर इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलने के कारण उन्हें यूनिवर्सिटी से बर्खास्त कर दिया गया।
बता दें कि, इन दिनों सऊदी अरब, कुवैत और यूएई के कई हिस्सों में मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों को लेकर कई भारतीय हिन्दुओ को नौकरी से निकाला जा चुका है।