कभी समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता रहे गौरव भाटिया ने अपने पूर्व नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई है। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में वकील गौरव भाटिया ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले और समाजवादी पार्टी (सपा) में मचे दंगल के बीच पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में एक ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “भाजपा के प्रवक्ता ने चैनल पर कहा है कि प्रवासी मज़दूरों को घर पहुंचाने का दायित्व केंद्र सरकार का नहीं है। वो भूल रहे हैं कि प्रत्येक मज़दूर भारत का नागरिक है और नागरिकता केंद्र का विषय है। अगर भाजपाई वकील-प्रवक्ता इतने अनभिज्ञ हैं तो वो राजनीति व वकालत दोनों के लिए अनफ़िट हैं।”
अखिलेश यादव के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए गौरव भाटिया ने अपने ट्वीट में लिखा, “उस वकील- प्रवक्ता ने कभी आपकी भी फँसी हुई गर्दन बचाई थी। अपने पिता का नाम रौशन किया, कम उम्र में सर्वोच्च न्यायलय से वरिष्ठ अधिवक्ता बना। पर एक युवा नेता ने तो जो विरासत में मिला उसको उजाढ़ दिया। राजनीति में भी एक दिन आप जिस पद पर बैठे थे उससे उच्च पद पर जाएगा। ट्वीट सेव करके रखना।”
उस वकील – प्रवक्ता ने कभी आपकी भी फँसी हुई गर्दन बचाई थी
अपने पिता का नाम रौशन किया,कम उम्र में सर्वोच्च न्यायलय से वरिष्ठ अधिवक्ता बना
पर एक युवा नेता ने तो जो विरासत में मिला उसको उजाढ़ दिया
राजनीति में भी एक दिन आप जिस पद पर बैठे थे उससे उच्च पद पर जाएगा
ट्वीट सेव करके रखना https://t.co/CtT0lTR0yu— Gaurav Bhatia गौरव भाटिया ?? (@gauravbh) May 20, 2020
गौरव भाटिया का यह ट्वीट अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। गौरव भाटिया के ट्वीट पर प्रोफेसर और कॉलमनिस्ट दिलीप मंडल ने भी ट्विटर पर अपनी बात रखी।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “अखिलेश यादव ने जितने सवर्णों को चुन चुन कर पद,सम्मान, रुतबा, यश भारती दिए, उनमें से आज एक भी उनके साथ नहीं है। मालिनी अवस्थी भी यश भारती पा चुकी हैं। खुद को बहुत अकेला पाते होंगे अखिलेश जी। वे बहुत उदार हैं, अच्छे दिल के हैं। अगली बार मौक़ा मिला तो फिर सवर्णों को ही देंगे।”
अखिलेश यादव ने जितने सवर्णों को चुन चुन कर पद,सम्मान, रुतबा, यश भारती दिए, उनमें से आज एक भी उनके साथ नहीं है। मालिनी अवस्थी भी यश भारती पा चुकी हैं।
खुद को बहुत अकेला पाते होंगे अखिलेश जी।
वे बहुत उदार हैं, अच्छे दिल के हैं। अगली बार मौक़ा मिला तो फिर सवर्णों को ही देंगे। https://t.co/56RRytAUnm
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) May 21, 2020