जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य की विधानसभा को भंग किए जाने पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पहली बार बड़ा बयान दिया है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग किए जाने के फैसले पर राज्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी में थी और इसको लेकर उनपर काफी दबाव था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने के अपने फैसले को सही ठहराया है।
मलिक ने केंद्र की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मुझ पर सज्जाद लोन की सरकार बनाने का दबाव था। मैं बेईमानी नहीं करना चाहता था, इसलिए विधानसभा को भंग कर दिया। मलिक ने कहा कि अब मुझे गाली पड़े तो पड़े, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा। मलिक ने कहा कि अगर सज्जाद लोन की सरकार बनती तो यह राज्य के लोगों के साथ बेईमानी होती और वह ईमानदार नहीं रह पाते।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के मुताबिक, राज्यपाल मलिक ने कहा, ‘दिल्ली की तरफ देखता तो लोन की सरकार बनानी पड़ती और मैं इतिहास में एक बेईमान आदमी के तौर पर जाना जाता। लिहाजा मैंने उस मामले को ही खत्म कर दिया। आज लोग मुझे गाली देते हैं, तो देते रहें। लेकिन मैंने सही काम किया है।’
Breaking: J&K Governor Satyapal Malik says: "Had I listened to Delhi would have made Sajad Lone the chief minister and in History I would have been known as a dishonest person. Let them abuse me now, but m convinced that I have done a right thing! pic.twitter.com/jXd3hL0Kfd
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) November 27, 2018
आपको बता दें कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 21 नवंबर की रात अचानक राज्य विधानसभा भंग कर दी थी। इससे कुछ ही घंटे पहले ही महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। मुफ्ती ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लिखे पत्र में कहा था कि राज्य विधानसभा में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके 29 सदस्य हैं।
वहीं, विधानसभा भंग किए जाने की घोषणा से कुछ ही देर पहले पीपुल्स कान्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी बीजेपी के 25 विधायकों तथा 18 से अधिक अन्य विधायकों के समर्थन से जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लोन ने राज्यपाल को एक पत्र लिख कर कहा था कि उनके पास सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ें से अधिक विधायकों का समर्थन है।