डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के दो मामले में 20 साल की सजा सुनाए जाने के बाद मंगलवार(29 अगस्त) को एक और कथित संत रामपाल के मुकदमों पर अदालत का फैसला आ गया है। हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम संचालक संत रामपाल के खिलाफ चल रहे दो अलग-अलग मामलों में हिसार कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बरी कर दिया है।
AFPबाबा रामपाल के वकील एपी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि अदालत ने उन्हें (बाबा) को दो मामलों में बरी कर दिया गया है। बता दें कि रामपाल के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और आश्रम के अंदर महिलाओं को बंधक बनाकर रखने के गंभीर आरोप थे। ये मामले 2014 के हैं। हालांकि, इन दोनों मामलों में बरी होने के बाद भी रामपाल को जेल में ही रहना पड़ेगा। रामपाल के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और हत्या के मामले चलते रहेंगे।
दरअसल, हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल के खिलाफ चल रहे दो मामलों में हिसार कोर्ट द्वारा सोमवार(28 अगस्त) को सुनाया जाने वाला फैसला मंगलवार(29 अगस्त) तक टाल दिया गया था। इससे पहले सरकारी कार्य में बाधा डालने (एफआईआर संख्या 426) और आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने (एफआईआर संख्या 427) के मामले में रामपाल की कोर्ट में पेशी हुई थी।
दोनों मामलों में रामपाल के अलावा प्रीतम सिंह, राजेंद्र, रामफल, विरेंद्र, पुरुषोत्तम, बलजीत, राजकपूर ढाका, राजकपूर और राजेंद्र भी आरोपी हैं। कबीरपंथी विचारधारा के समर्थक रामपाल देशद्रोह के एक मामले में हिसार जेल में बंद हैं।रामपाल के खिलाफ देशद्रोह के अलावा साल 2006 में भी हत्या का केस दर्ज हुआ था। 2014 में रामपाल मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद जिस तरह के हालात हरियाणा में पैदा हुए, वैसे ही हालात नवंबर 2014 में उस वक्त बने थे जब रामपाल की कोर्ट में पेशी होनी थी। आश्रम की जमीन को लेकर उपजे विवाद पर सुनवाई के लिए रामपाल हाई कोर्ट में पेश नहीं हुए थे और अपने भक्तों को ढाल बनाकर आश्रम के अंदर बैठ गए थे।
आश्रम के ब्लैक कैट कमांडो ने पुलिस और सुरक्षा बलों को खुली ललकार दी थी और तब दोनों ओर से हुए टकराव में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। उसे गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस पर उसके समर्थकों और गुंडों की फौज ने हमला बोल दिया था। पुलिस कई दिनों की मशक्कत के बाद रामपाल को गिरफ्तार कर पाई थी।
इस टकराव में सैकड़ों लोग जख्मी हुए और छह लोग मारे गए थे। इन मौतों का आरोप रामपाल और उनके अनुयायियों पर है। रामपाल समेत 939 समर्थकों पर केस चल रहा है। हिसार के बरवाला में तीन साल पहले हुए विवाद के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था और 20 नवंबर, 2014 से वह जेल में हैं।