दिल्ली में बढ़ते बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाओं को देखते हुए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था सुधारने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ गुरुवार को उनके निवास पर एक बैठक की ।
बैठक में स्वाति मालीवाल ने केंद्रीय सरकार, दिल्ली सरकार, एल.जी. और दिल्ली पुलिस के बीच में तालमेल न होने को दिल्ली की असुरक्षा का मुख्या कारण बताया है। इसलिए उन्होंने कहा, दिल्ली की सुरक्षा ठीक करने के लिए इन सभी के बीच तालमेल बढ़ाने की ज़रूरत है।
व्यवस्था में सुधर लाने के लिए डी.सी.डब्ल्यू ने गृहमंत्री के समक्ष कई सुझाव रखे। उन्होंने राजनाथ से कहा कि लॉ एंड आर्डर को सुधरने हेतु उन्हें हर महीने काम से काम दो बार दिल्ली के मुख्यमंत्री, एल.जी. नजीब जंग, पुलिस कमिश्नर बस्सी और डी.सी.डब्ल्यू. के साथ एक बैठक रखनी चाहिए और हर बार की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करनी चाहिए।
स्वाति मालीवाल ने बताया कि जिस गृहमंत्री के प्रति दिल्ली पुलिस जवाबदेह है उसी तरह दिल्ली पुलिस को जनता के प्रति भी जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। आगे डी.सी.डब्ल्यू. ने सुझाव देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के हिम्मत एप्लीकेशन पर हज़ारों शिकायतें आती हैं लेकिन उनमें सी कुछ पर ही प्रक्रिया दी जाती है, तो इसके लिए गृहमंत्री को दिल्ली पुलिस से जवाब मांगने चाहिए।
स्वाति मालिवाल ने बताया की 2012 से लेकर अभी तक महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 31 से ज्यादा एफ.आई.आर. दर्ज हो चुके हैं, लेकिन उनकी चार्जशीट क्यों नहीं हुई इसका पता लगाया जाना चाहिए।
दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुई स्वाति मलीवाल ने राजनाथ सिंह से अपील करते हुए कहा कि कम से कम हफ्ते में एक दिन तो उन्हें दिल्ली को देना चाहिए और दिल्ली आकर यहां के लोगों से मुलाकात करनी चाहिए।
स्वाति मालिवाल ने राजनाथ सिंह को यह भी बताया कि दिल्ली के कई पुलिसकर्मी ऐसे भी है जिनको लगातार 48-48 घंटों तक काम करना पड़ता है। जिसके लिए केंद्र सरकार को करीब 16 हज़ार पदों के लिए नई भर्ती जल्द ही करनी चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है की उनके पास नए पुलिसकर्मियों की भर्ती के लिए 480 करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जो की उनके पास नहीं हैं।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा ने आगे कहा कि यदि 480 करोड़ रुपयों को दिल्ली की जनता में बाटा जाए तो हर एक आदमी की सुरक्षा का खर्च करीब 250 रुपये तक का आएगा तो इतना तो केंद्रीय सरकार कर ही सकती है। इसके साथ स्वाति ने दिल्ली पुलिस में टैक्नोलॉजी को बढ़ाने को लेकर भी कई सुझाव दिए।
स्वाति मालिवाल ने निर्भया फंड का इस्तेमाल न होने के सिलसिले को लेकर भी राजनाथ से बात की। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि निर्भया फंड का इस्तेमाल देश में तथा पुलिस स्टेशनों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने और फोरेंसिक साइंस लैब बनाने के रूप में किया जा सकता है।
इसी के साथ-साथ इस बैठक में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक टास्क फोर्स का गठन भी गृह मंत्रालय द्वारा किया गया है। जिसकी दसवीं बैठक में डी.सी.डब्ल्यू. चीफ ने 7 सितंबर को हिस्सा लेते हुए महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई सुझाव दिए थे।
स्वाति मालीवाल ने गृहमंत्री को यह भी बताया की पिछले कुछ दिनों दिल्ली में हुई कई बलात्कार की घटनाओं के बावजूत भी टास्क फ़ोर्स की बैठक नहीं की गई। उन्होंने कहा की ये टास्क फ़ोर्स की बैठक भी महीने में काम से काम दो बार होनी चाहिए।
डी.सी.डब्ल्यू. चीफ ने गृहमंत्री को बताया कि जब तक ‘दिल्ली रेप’ कैपिटल के नाम से जानी जाएगी तब तक भारत की छवि अच्छी नहीं बन सकती। इसको सुधारने के लिए हम सभी को इसको ‘सेफ कैपिटल’ बनाना होगा।