मालेगांव ब्लास्ट केस में मंगलवार(25 अप्रैल) को बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सशर्त जमानत दे दी है। 2008 में हुए इस धमाका मामले में हाईकोर्ट ने साध्वी को 5 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है। हालांकि, मालेगांव ब्लास्ट केस में कर्नल पुरोहित को जमानत देने से बॉम्बे हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि साध्वी प्रज्ञा अपना पासपोर्ट जमा करा दे।
साथ ही कोर्ट ने एजेंसियों को जांच के दौरान पूर्ण सहयोग देने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया है। बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने साध्वी प्रज्ञा को अपनी जांच में क्लीन चिट दे चुकी है, बावजूद इसके ट्रायल कोर्ट साध्वी की जमानत खारिज कर चुकी है।
एनआईए के यू टर्न के बाद कुल 12 आरोपियों में से 10 पर से मकोका को भी हटा लिया गया था। इन लोगों में कर्नल प्रसाद पुरोहित भी शामिल हैं। एनआईए की तरफ से कहा गया कि उन्हें प्रज्ञा सिंह ठाकुर और बाकी पांच आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं।
इसकी वजह है मामले पर मकोका कानून का न बनना, जबकि ट्रायल कोर्ट ने अभी तक मकोका हटाने पर कोई फैसला नही दिया है। वहीं, एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी को न्यायिक हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है।
29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 101 लोग घायल हुए थे। इस मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने अपनी जांच में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित 11 लोगो को गिरफ्तार किया था। बाद में जांच एनआईए को दे दी गई।