हरिद्वार: बाबा रामदेव के पतंजलि के वैदिक कन्या गुरुकुल में साध्वी ने बिल्डिंग से कूदकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट बरामद; मामले की जांच में जुटी पुलिस

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पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के संस्थापक और योग गुरू बाबा रामदेव की पतंजलि योग पीठ की एक शाखा वैदिक कन्या गुरुकुल के हास्टल में रह रही मध्य प्रदेश की रहने वाली एक साध्वी ने कथित तौर पर छत से कूदकर आत्महत्या कर ली है। साध्वी की संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या की वजह से पतंजलि योगपीठ में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल, पुलिस ने इस मामले की जांच शुरु कर दी है।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, मूल रूप से मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के गांव सेमलिया हीरा की रहने वाली साध्वी यहां महाभाष्य विषय से एमए की पढ़ाई भी कर रही थीं। वह संस्था में सेवा भी करती थीं। परिवार से वह कम ही संपर्क रखती थी। पतंजलि योगपीठ से सटे परिसर में स्थित वैदिक कन्या गुरुकुल में रविवार तड़के साढ़े चार बजे यह घटना सामने आई। छात्राएं और महिला सेवादार इस हास्टल में रहती हैं। मध्य प्रदेश के मंदसौर निवासी साध्वी देवज्ञा का लहूलुहान शव हास्टल के परिसर में पड़ा मिला। वह हास्टल की पांचवीं मंजिल पर कमरा नंबर 507 में अन्य महिला सेवादारों के साथ रहती थीं। महिला सेवादारों ने उसे परिसर में इस हालत में देखा। साध्वी को तत्काल भूमा निकेतन अस्पताल ले जाया गया, डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

देवज्ञा वर्ष 2015 में वैदिक कन्या गुरुकुल में अध्ययन के लिए आई थी। वर्ष 2018 में योग गुरु बाबा रामदेव से संन्यास लिया। इसके बाद साध्वी ने गुरुकुल में सेवा कार्यों में हाथ बंटाने के साथ ही पढ़ाई भी जारी रखी। इन दिनों वह एमए की पढ़ाई कर रही थीं। अपने घरवालों से उनका कम ही संपर्क रहता था। उनका मूल नाम राधा पाटीदार था। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का होना प्रतीत हो रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। कमरे से मिले सुसाइड नोट में भी साध्वी ने आत्महत्या की कोई वजह नहीं लिखी है। सिर्फ यह लिखा है कि ‘मैंने अपनी मर्जी से संन्यास लिया था और अपनी मर्जी से ही मृत्यु को प्राप्त कर रही हूं’। उसने यह कदम क्यों उठाया, इसके कारणों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया। हालांकि, पुलिस अन्य पहलुओं से भी मामले की जांच कर रही है।

साध्वी ने रजिस्टर के आठ पन्नों पर सुसाइड नोट लिखा है। जिसमें ज्यादातर बातें धर्म और आध्यात्म से जुड़ी हैं। गायत्री मंत्र सहित कई श्लोक लिखे गए हैं। कुछ अजीबोगरीब बातें भी इसमें लिखी हुई हैं। जैसे एक पन्ने पर साध्वी देवज्ञा ने लिखा है कि जानती हूं कि जो आत्महत्या करते हैं वे अधोगति को प्राप्त होते हैं, पर संन्यास धर्म को बचाना है। संकल्प लिया था कि मैं संन्यास धर्म में ही मरूं। साध्वी ने एक जगह यह भी लिखा है कि योग की शक्ति से ही मरूंगी, ताकि गलती होने के बाद भी योग से पार पाया जा सकता है।

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