गुरुग्राम में रयान इंटरनेशनल स्कूल परिसर में सात वर्षीय स्कूली छात्र प्रद्युम्न की की निर्मम हत्या के संबंध में गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के दो शीर्ष अधिकारियों को सोमवार(11 सितंबर) को गिरफ्तार किया और कहा कि मामले में सबूत नष्ट करने का प्रयास किया गया।
पुलिस ने रयान इंटरनेशनल स्कूल समूह के लीगल हैड फ्रांसिस थॉमस और एचआर हैड जेयस थॉमस को गिरफ्तार किया। इन्हें सोहना की अदालत में पेश किया गया था, जिसने उन्हें दो दिनों के लिये पुलिस हिरासत में भेज दिया।गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने कहा कि मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल एसआईटी का मानना है कि मामले में सबूतों से छेड़छाड़ की गई।
खिरवार ने कहा कि एसआईटी ने सोहना अदालत को बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि सबूतों को नष्ट किया गया। बच्चा जहां मृत पाया गया था, वहां घटनास्थल से खून के धब्बों को धोने का प्रयास किया गया। उसके पानी के बोतल और बैग पर लगे खून के निशान को मिटाने का प्रयास किया गया। कुछ अन्य सबूतों से भी छेड़छाड़ की गयी।
खिरवार ने कहा कि आरोप पत्र दायर करते वक्त स्कूल प्रबंधन या किसी अन्य कर्मचारी के इसमें संलिप्त पाये जाने पर उनके खिलाफ हम लोग उचित धाराएं लगाएंगे। हरियाणा पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून प्रबंधन मोहम्मद अकील ने भी अपराध स्थल का दौरा किया था।
क्या है मामला?
दरअसल, गुरुग्राम स्थित रयान इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार(8 सितंबर) सुबह दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न के साथ कुकर्म की नाकाम कोशिश के बाद उसकी गला रेतकर हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया। पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोप में बस कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में कंडक्टर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
गुड़गांव के पुलिस आयुक्त संदीप खीरवार ने दावा किया कि इस जघन्य अपराध में, गिरफ्तार किए गए स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार की संलिप्तता सामने आई है। उन्होंने बताया कि अशोक कुमार यौन उत्पीड़न करने के इरादे से शौचालय के अंदर किसी छात्र के आने का इंतजार कर रहा था। पीड़ित बच्चा शौचालय में गया। उसने कुमार की हरकत का विरोध किया, जिसके बाद कुमार ने उसकी हत्या कर दी।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी कुमार ने कहा कि वह डर गया था और यह सोच कर उसने बच्चे को मार डाला कि कहीं वह स्कूल के प्रबंधन को अपराध के बारे में न बता दे। वह चाकू को शौचालय में ही छोड़ गया। वहां से जाने से पहले उसने हाथ भी धोए। यह सुनियोजित तरीके से किया गया अपराध था। प्रद्युम्न बिहार के मधुबनी जिले के बड़ा गांव का रहने वाला था।