उत्तर प्रदेश के झांसी शहर के सदर बाजार थाने में होली के दिन राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं ने मामूली बात को लेकर जमकर उत्पात मचाया और थाने में तोड़फोड़ की। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर निलंबित कर दिया है। वहीं आरएसएस और बीजेपी नेताओं के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी नेताओं ने थानाध्यक्ष पर आरएसएस के खिलाफ कथित तौर पर गलत टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सदर बाजार थाना क्षेत्र में होली के दिन किसी बात को लेकर आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस आमने-सामने आ गए। मामला इतना बढ़ गया कि थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग को लेकर आरएसएस कार्यकर्ताओं थाने में जमकर तोड़फोड़ की और उत्पात मचाया। पुलिस अधीक्षक ने इस घटना की पुष्टि की है।
‘जनता का रिपोर्टर’ से बातचीत में इस घटना की पुष्टि करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि यह घटना होली यानि 2 मार्च की है। उन्होंने बताया कि इस मामले में दोनों पक्षों (RSS-BJP और पुलिस) की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है। वहीं थानाध्यक्ष ज्ञानेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है और जो भी दोषियों के खिलाफ शख्स कार्रवाई होगी।
पत्रिका के मुताबिक, आरएसएस के महानगर सरसंचालक रामशरण अग्रवाल द्वारा दर्ज करवाई गई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अग्रवाल सहित सभी आरएसएस कार्यकर्ता हर वर्ष की भांति इस बार भी होली के दिन दूसरे सम्मानित लोगों के साथ अग्रसेन भवन के पास से होकर अन्य लोगों से होली मिलने जा रहे थे। तभी सदर बाजार थाना प्रभारी अपने साथियों के साथ वहां पहुंचे और कथित तौर पर गाली-गलौज करने लगने लगे। मना करने पर मारपीट की और अपशब्द कहे।
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले इस मामले में थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग को लेकर आरएसएस कार्यकर्ता, बीजेपी के विधायक सहित अन्य नेता पहुंच गए। इसके बाद स्थिति बिगड़ती गई। इस दौरान आरएसएस और बीजेपी नेताओं ने थाने में तोड़फोड़ की। इसकी सूचना मिलने पर डीआईजी, कमिश्नर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी भी वहां पहुंचे। काफी मंथन के बाद थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया।
वहीं न्यूज 18 के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को बताया कि, ‘करीब 50-60 बीजेपी और आरएसएस के नेता व कार्यकर्ता सदर बाजार थाना क्षेत्र में लोगों से होली मिलन कर रहे थे, इसी दौरान अपनी छतों से कुछ लोग रंग भरे गुब्बारे उन पर फेंके। थानाध्यक्ष ने ऐसा करने से उन्हें मना किया, इसी पर दोनों के बीच मामूली विवाद हुआ। इसके बाद पूर्व शिक्षा मंत्री रवींद्र शुक्ला के नेतृत्व में भीड़ थाने पहुंच गई और थानाध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और निलंबन की मांग करने लगे।’ उन्होंने बताया कि इस दौरान कुछ लोगों ने गमला और सीसीटीवी को क्षतिग्रस्त कर दिया।
होली पर यूपी पुलिस की हुई थी सराहना
बता दें कि अभी दो दिन पहले ही ‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा एक्सक्लूसिव रिपोर्ट चलाए जाने के बाद यूपी पुलिस की जमकर सराहना हुई थी। दरअसल, मुजफ्फरनगर में पुलिस अधिकारियों ने होली पर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और 2013 के दंगों के बाद दो समुदायों के बीच आई दरार को पाटने के लिए एसएसपी के मार्गदर्शन में एक सराहनीय पहल की। मुजफ्फरनगर जिले में होली के एक दिन पहले गुरुवार (1 मार्च) को हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच आपसी धार्मिक सौहार्द, अमन व भाईचारे को कायम रखने के लिए पुलिस द्वारा काबिले तारीफ कदम उठाया गया।
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अनंत देव तिवारी और एसपी नगर ओमवीर सिंह के मार्गदर्शन में जिले के कई थाना प्रभारी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने एक अनोखी पहल करते हुए होलिका दहन के दिन मदरसों के बच्चों को अपने हाथ से खुद भोजन परोसा और उनके साथ में खाना खाकर भाईचारे की एक अनोखी मिसाल पेश की। मदरसे के लोगों के साथ भोजन करने वाली यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
होली के एक दिन पहले सीओ सिटी हरीश भदौरिया, महिला थाना प्रभारी मीनाक्षी शर्मा और शामली स्टैण्ड चौकी प्रभारी विनय शर्मा अचानक चरथावल रोड शनिधाम मन्दिर के पास बने मदरसा मुरादिया में पुलिस बल की साथ पहुंचे। इन अधिकारियों ने मदरसे में पढ़ने वाले तालिबे इल्मों को अपने हाथों से खाना ही नही परोसा, बल्कि उनकी साथ एक ही दस्तरखान पर बैठकर भोजन भी किया।