नकदी की समस्या के बीच अब स्याही खत्म होने से रुकी 200 और 500 रुपये के नोटों की छपाई!

0

नोटबंदी के बाद एक बार फिर देश के कई राज्यों के बैंकों और ATM मशीनों में कैश का संकट गहरा गया है। कई एटीएम के चक्कर लगाने के बावजूद लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा है। देश में एक तरफ जहां एटीएम मशीनों में कैश की किल्लत के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में करंसी प्रिटिंग प्रेस में नोटों की छपाई का काम बंद होने की खबर आ रही है।समाचार एजेंसी भाषा के हवाले से नवभारत टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के एक श्रमिक नेता ने यह दावा किया है कि नासिक स्थित करंसी प्रिंटिंग प्रेस में नोटों की छपाई वाली स्याही खत्म हो जाने के कारण 200 और 500 रुपये की नई नोटों की छपाई में रुकावट आ रही है। श्रमिक नेता का दावा है कि नोटों की छपाई रुकने के कारण भी देश में करंसी क्रंच की समस्या आ रही है।

इस बारे में छापाखाना कामगार परिसंघ के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने बुधवार (18 अप्रैल) को संवाददाताओं से कहा कि, ‘नोटों की छपाई में आयातित स्याही का इस्तेमाल होता है जो अभी उपलब्ध नहीं है। इसके कारण 200 रुपये और 500 रुपये के नोटों की छपाई रुक गयी है।’ उन्होंने कहा कि देश भर में नकदी की कमी की समस्या के पीछे यह भी एक कारण हो सकता है। हालांकि अब तक भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया गया है।

गोडसे का कहना है कि नोटों की छपाई बंद होने के कारण देश में करंसी की समस्या आ रही है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नोटों की छपाई कब से बंद है। बता दें यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब सरकार ने एक ही दिन पहले 500 रुपये के नोटों की छपाई पांच गुना बढाने का आदेश दिया है ताकि अगले महीने 75 हजार करोड़ रुपये के नए नोटों की आपूर्ति की जा सके।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी देश में कैश क्रंच के संकट के जल्द खत्म होने की बात कही है। एटीएम में नकदी की किल्लत दूर करने के लिए सरकार के सख्त रुख से हालात सुधरने के आसार हैं। राज्यों में बैंकों को एक दिन के भीतर तीन चौथाई से अधिक एटीएम में कैश उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

Previous articleलंदन में पीएम मोदी को करना पड़ा भारी विरोध का सामना, लगे ‘मोदी गो बैक’ के नारे
Next articleLawyer for Kathua gang-rape and murder victim sends legal notice to Zee News for fake news vilifying her