अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद के बारे में फर्जी रिपोर्ट छापने को लेकर ‘जनता का रिपोर्टर’ के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ रिफत जावेद ने राज्यसभा टीवी पर मीडिया मंथन के दौरान अखबार और पत्रकार दोनों को आड़े हाथों लिया।
चर्चा के दौरान मुख्यधारा मीडिया पर सवाल उठाते हुए जावेद ने कहा कि 21 मार्च 2017 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया में पत्रकार राज शेखर झा ने एक भ्रामक रिपोर्ट छापी। रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले वर्ष अक्टूबर महीने से लापता नजीब अहमद आईएसआईएस से जुड़ने की फिराक में था, क्योंकि पुलिस ने उसके लैपटॉप की ब्राउजिंग हिस्ट्री में यह पाया कि वह आईएस से संबंधित जानकारी जुटा रहा था।
उन्होंने कहा कि जबकि उसी दिन दिल्ली पुलिस ने पत्रकार रवि शेखर झा कि रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि हमने (पुलिस) कभी ऐसा कहा ही नहीं। यह आपने(अखबार) गलत रिपोर्ट छापी है। पुलिस ने बताया कि जांच में नजीब के आईएस के साथ किसी भी प्रकार के जुड़ाव की जानकारी सामने आई ही नहीं है।
बीबीसी के पूर्व संपादक रिफत जावेद ने मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्य और तीसरे पृष्ठ पर 600 शब्दों में फर्जी रिपोर्ट छापने वाले अखबार ने अगले दिन पांचवें पेज पर एक कोने में मात्र 100 शब्दों का भूल सुधार छापकर अपना कोटा पूरा कर दिया। उन्होंने कहा कि अखबार या पत्रकार ने उस फर्जी रिपोर्ट के लिए माफी तक नहीं मांगा है।
इस मंथन में रिफत जावेद के अलावा हिन्दुस्तान टाइम्स के राजनीतिक संपादक विनोद शर्मा, कॉमन कॉज के निदेशक विपुल मुग्दल और मानवाधिकार कार्यकर्ता हिमांशु कुमार शामिल थे।
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