भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ व आगजनी के मामले में गुजरात के पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को बड़ी राहत मिली है। गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल को विसनगर दंगा मामले में राहत देते हुए उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी दो साल की सजा को निलंबित कर दिया।
गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार (8 अगस्त) को निचली अदालत के उस आदेश को निलंबित कर दिया, जिसमें 2015 के दंगा मामले में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को दो साल के कारावास की सजा दी गई थी। न्यायमूर्ति एसएच वोरा ने यह भी आदेश दिया कि हार्दिक को इस मामले में जमानत दी जाए, साथ ही कोर्ट ने हार्दिक को उनकी अपील सुने जाने तक पुलिस के सामने आत्मसमर्पण नहीं करने की इजाजत भी दी है।
आपको बता दें कि हार्दिक ने विसनगर अदालत के 25 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें 2015 में आरक्षण आंदोलन के दौरान स्थानीय विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में आगजनी और दंगा करने का दोषी पाया गया था। स्थानीय अदालत ने हार्दिक को दोषी ठहराने के बाद सजा सुनाते हुए उनकी अस्थायी जमानत मंजूर की थी।
बीते 25 जुलाई को पाटीदार अनामत आंदोलन के दौरान विसनगर विधानसभा सीट से विधायक ऋषिकेश पटेल के ऑफिस में तोड़फोड़ करने के मामले में कोर्ट ने हार्दिक पटेल और लाल जी पटेल को दोषी करार दिया था। अदालत ने दोनों की दो साल की सजा सुनाई थी। अदालत ने दोनों आरोपियों को IPC की धारा 147, 148, 149, 427 और 435 के तहत दोषी करार दिया था। अदालत ने दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।