ऐसा लगता है इन दिनों भाजपा केलिए हर ओर से बुरी ख़बरों का आगमन है। गौ रक्षा के नाम पर आतंक मचाना हिंदुत्व ताक़तों को इतना महंगा पड़ा कि प्रधानमंत्री को सफाई देनी पड़ी। वो भी तब जब गुजरात के मुख्यमंत्री को अगले साल के चुनाव के मद्देनज़र बलि का बकरा बनाया जा चूका था।
और अब झारखंड से खबर आ रही है कि वहां बीजेपी में बगावत की आग लग गयी है।
हालात इस क़दर ख़राब हो चुके हैं कि बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी।
मरांडी का ये क़दम रविवार को व्हाट्सएप पर घोषित की गई अपनी नई टीम पर राज्य इकाई में उठे विवाद के बाद उठाया गया है। कोबरापोस्ट के अनुसार २३ अगस्त तक उनके पद पर बने रहने की उम्मीद है, तभी पार्टी हाईकमान इस पर आखिरी फैसला करेगा। नई दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम लाल से मुलाकात के बाद मरांडी ने न्यूज चैनल्स को बताया कि उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की पेशकश की है। उनके एक करीबी ने कहा, ”उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में इस्तीफे की पेशकश की। अभी तक, इसपर कोई फैसला नहीं हुआ है।”
मंगलवार को दिल्ली आए झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास को राज्य बीजेपी प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलने रांची लौटना पड़ा। पार्टी के नए पदाधिकारी और अध्यक्ष बनने की रेस में आगे चल रहे गणेश मिश्रा ने जनता युवा मोर्चा के सदस्यों से विरोध खत्म करने को कहा है। उन्होंने कहा, ”हम नौजवानों की सेहत को लेकर चिंतित थे।” विरोध करने वालों में से एक अमित सिंह ने कहा, ”हमारा काम पूरा हुआ। अब केन्द्रीय नेतृत्व को फैसला करना है।” पार्टी सूत्रों का कहना है कि मरांडी के इस्तीफे की पेशकश करने के साथ ही उनके द्वारा घोषित की गई कमेटी भी खत्म हो गई। हालांकि, अभी तक मरांडी का इस्तीफा आधिकारिक रूप से मंजूर नहीं किया गया है, ऐसे में कमेटी का भविष्य साफ नहीं है।
17 मार्च को झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष बनाए गए मरांडी का कार्यकाल विवादों से भरा रहा है। अभी तक जहां, ज्यादातर विवाद उनकी निजी जिंदगी से जुड़े हुए थे। जैसे- उनके बेटे पर एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने के बाद दूसरी नाबालिग लड़की से शादी करने के आरोप लगे हैं। मगर रविवार को व्हाट्सएप ग्रुप पर कमेटी की घोषणा के बाद ही उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए।