कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे पर विवाद को फिर से हवा देते हुए बुधवार को कहा कि उनके विचार से करदाताओं के धन का प्रयोग कर रहे किसी शैक्षणिक संस्थान को धर्म के आधार पर आरक्षण देने की ”अनुमति नहीं है।”
भाषा की खबर के अनुसार, उन्होंने विश्वविद्यालय का नाम लिए बगैर कहा कि संविधान का अनुच्छेद 27 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार का कोई भी कर देने के लिए बाधित नहीं किया जाएगा, जिनका प्रयोग किसी विशेष धर्म या धर्म संप्रदाय की सहायता या प्रचार के खर्च के भुगतान के लिए किया जाएगा।
प्रसाद ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है और यदि उच्चतम न्यायालय ”विरोधाभासी” फैसला सुनाता है तो मामले पर आगे चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि लोग मदरसे और स्कूल चलाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन वे सरकारी फंड का प्रयोग नहीं कर सकते।