जम्मू-कश्मीर में ‘पाकिस्तान के इशारे पर’ महागठबंधन बता घिरी BJP, उमर अब्दुल्ला के पलटवार के बाद राम माधव ने वापस लिया बयान

0

जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के महासचिव राम माधव और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ट्विटर पर भिड़ गए। बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि संभवत: नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को पाकिस्तान से सरकार बनाने के निर्देश मिले थे। माधव के इस बयान से भड़के नेशनल कॉफ्रेंस नेता और राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर पलटवार किया। उन्होंने बीजेपी को कोर्ट में इस आरोप को साबित करने की चुनौती दी। इस चुनौती के बाद राम माधव को आखिरकार अपने शब्द वापस लेने पड़े।

आपको बता दें कि तीनों दलों ने विधानसभा भंग करने के लिए राज्यपाल सत्यपाल मलिक के फैसला करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। इससे पहले दिन में राम माधव ने पीडीपी-एनसी-कांग्रेस गठबंधन पर सीमा पार से आने वाले निर्देश के मुताबिक काम करने का आरोप लगाया। इस पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि या तो माधव आरोप साबित करें या माफी मांगें।

राम माधव ने कहा था कि बीजेपी ने अपनी ओर से सरकार बनाने की इच्छा कभी जाहिर नहीं की। उन्होंने कहा कि पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस वही दल हैं जिन्होंने पिछले महीने निकाय चुनावों का बहिष्कार किया था क्योंकि उन्हें सीमा पार से ऐसा करने के निर्देश मिले थे। अब हो सकता है कि उन्हें सीमा पार से ही साथ आकर सरकार बनाने के निर्देश मिले हों क्योंकि बीजेपी और दूसरे दलों ने निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है।

इस पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि या तो माधव आरोप साबित करें या माफी मांगें। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा कि मैं आपको अपने आरोप साबित करने की चुनौती देता हूं। आपके पास रॉ, एनआईए और आईबी हैं जो आपके लिए काम करती हैं। सीबीआई भी आपका तोता है, अगर हिम्मत है तो इसके साक्ष्य जनता के सामने रखिए। अब्दुल्ला ने लिखा कि या तो सबूत प्रस्तुत करिए या फिर माफी मांगने की हिम्मत दिखाइए। अनर्गल आरोपों की राजनीति मत कीजिए।

उमर अब्दुल्ला के आपत्ति के बाद राम माधव ने गुरुवार को अपने ट्वीट में कहा, ‘‘परेशान न हों, उमर अब्दुल्ला… आपकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। लेकिन नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के बीच अचानक उमड़े प्रेम और सरकार बनाने की जल्दबाजी के कारण कई संदेह पैदा हुए और राजनीतिक टिप्पणी आई। आपको कष्ट पहुंचाने के लिए नहीं।’’

इसके बाद अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि कोई दूसरी बात नहीं चलेगी, आपने दावा किया कि मेरी पार्टी पाकिस्तान की शह पर काम कर रही है तो आपको यह आरोप साबित करने की चुनौती देता हूं। अगर आपके पास कोई सबूत है कि नेशनल कांफ्रेंस ने निकाय चुनाव का पाकिस्तान की शह पर बहिष्कार किया तो इस बारे में सबूत सार्वजनिक करें। यह आपको और आपकी सरकार के लिए खुली चनौती है।

राम माधव ने इसके बाद माहौल सामान्य करने का प्रयास करते हुए एक अन्य ट्वीट किया। उन्होंने कहा, ‘‘अब आपने किसी बाहरी दबाव की बात से इंकार किया है, तब मैं अपनी बात को वापस लेता हूं। लेकिन आपने साबित किया कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के बीच असली प्रेम था जो सरकार बनाने के विफल प्रयास के रूप में सामने आया। आपको अब साथ चुनाव लड़ना चाहिए। यह ध्यान दें कि यह राजनीतिक टिप्पणी है, व्यक्तिगत नहीं।’’

आपको बता दें कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार की रात अचानक राज्य विधानसभा भंग कर दी थी। इससे कुछ ही घंटे पहले पीडीपी ने नेकां और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। पीडीपी के दावे के बाद दो सदस्यीय पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने भी बीजेपी और अन्य पार्टियों के 18 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा किया था।

 

 

Previous articleचुनावी व्यस्तता के कारण महिलाओं की सुरक्षा पर राजनाथ सिंह ने एक महीने में नहीं बुलाई कोई बैठक, स्वाति मालीवाल ने उठाए सवाल
Next articleअंशु प्रकाश के तबादले के बाद IAS अधिकारी विजय कुमार देव बने दिल्ली के नए मुख्य सचिव