राज्यसभा की चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार को घेरा कहा, सरकार ने पूरे देश को विकलांग बना दिया है

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नोटबंदी मुद्दे पर लोगों को हो रही परेशानी को लेकर विपक्षी सदस्यों के तथा इस विषय पर अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे भाजपा सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह बैठक शुरू होने पर सदन ने अपने पूर्व सदस्य सी रामास्वामी को श्रद्धांजलि दी जिनका आज चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया।

इसके बाद सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानी का मुद्दा उठाया। आजाद ने कहा कि इस घोषणा को करीब एक महीना होने को है लेकिन अब भी बैंकों तथा एटीएम के बाहर लोगों की लाइनें लगी हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिना तैयारी के इतनी बड़ी योजना लाई और उसने पैसों का पर्याप्त इंतजाम नहीं किया। सरकार ने न तो बैंकों में और न ही एटीएम में पैसों की व्यवस्था की।

आजाद ने कहा कि सरकार के इस फैसले के कारण 84 लोगों की मौत हो गई है और लोगों को भारी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी बेटी की शादी तक के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि इन लोगों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा कि राजस्व सचिव ने कहा था कि नोटबंदी के बाद पूरी करेंसी वापस आ जाएगी। उन्होंने कहा कि जब सभी नोट वापस आ जाएंगे तो काला धन कहां है। भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच आजाद ने कहा कि नोटबंदी के कारण बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार छिन गया है और कामगारों की छंटनी हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों से रिजर्व बैंक ने जमा होने वाले नोटों के बारे में जानकारी देनी बंद कर दी है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा को दिए गए जवाब का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर में कहा गया है कि बैंकों के पास पर्याप्त पैसा है। उन्होंने कहा कि जब बैंकों में पर्याप्त पैसा है तो लोग लाइनों में क्यों लगे हुए हैं। इसके बाद सदन के नेता एवं वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उपसभापति पीजे कुरियन से बोलने की अनुमति मांगी। इस पर विपक्ष की टोकाटोकी के बीच कुरियन ने कहा कि अगर सदन के नेता बोलना चाहते हैं तो अनुमति देनी पड़ेगी। जेटली ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जिस दिन सत्र शुरू हुआ, उस दिन विपक्ष ने नोटबंदी मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग की। हमने चर्चा शुरू कराने में कोई विलंब नहीं किया, लेकिन अब यह चर्चा पूरी होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने नियम की बात कही, हम नियम पर राजी हो गए। आपने प्रधानमंत्री को बुलाने की मांग की, प्रधानमंत्री आए। लेकिन अब विपक्ष किसी न किसी बहाने से चर्चा को रोकने का प्रयास कर रहा है। विपक्ष चाहता है कि टेलीविजन के लिए बस मुद्दे को उठा दिया जाए, लेकिन चर्चा को आगे बढ़ाने से भाग रहा है।

भाषा की खबर के अनुसार, जेटली ने कहा कि अगर विपक्ष में हिम्मत है तो चर्चा को आज ही आगे बढ़ाया जाए। इस बीच, सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुरादाबाद की रैली में गरीब को और गरीब बनाने की बात कही। सरकार ने पूरे देश को विकलांग बना दिया है। इस पर उपसभापति ने कहा कि चर्चा को आगे शुरू करिए।

इस दौरान सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर चर्चा शुरू करने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। उधर विपक्ष ने भी नारेबाजी शुरू कर दी।

सदन में हंगामे के बीच बसपा की मायावती ने कहा कि नोटबंदी के चलते पूरे देश में अफरातफरी मची है, कई लोग मर गए हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही। कुरियन ने दोनों पक्षों से शांति रखने की अपील की, लेकिन अपील का असर होते नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर करीब 25 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

बारह बजे प्रश्नकाल शुरू होने पर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष की नारेबाजी जारी रही। हंगामे के दौरान ही कुछ सदस्य कुछ बोलते दिखे। लेकिन शोर के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी।

सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा। इस पर अंसारी ने सदन की कार्यवाही 12 बजकर करीब पांच मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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