देश का सबसे बड़ा खेल अवार्ड- जिसे राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड के तौर पर जाना जाता है उसे अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी दी। खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद के नाम पर किए जाने को लेकर तमाम लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में लिखा, “देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। जय हिंद!”
देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।
जय हिंद!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
बता दें कि, ध्यानचंद हॉकी के महान खिलाड़ी रहे हैं। उनके जन्मदिन 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही खेल पुरस्कारों के तहत ध्यानचंद अवार्ड भी दिया जाता है। मेजर ध्यानचंद को भारतीय हॉकी का जादूगर माना जाता है।
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार परफॉर्मेंस किया और पुरूष टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने में सफल रही। वहीं, भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी शानदार परफॉर्मेंस किया और ब्रॉन्ज मेडल का मैच खेलने में सफल रही। ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार परफॉर्मेंस के बाद अब भारत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा फैसला किया है।
राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड की शुरुआत 1991-92 में हुई थी। सबसे पहले यह अवार्ड शतरंज खिलाड़ी विश्नाथन आनंद और बिलियर्ड्स खिलाड़ी गीत सेठी को दिया गया था।