मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी पर जोरदार हमला बोलते हुए एक स्पष्ट बयान में, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि 2012 के दौरान अहंकार उनकी पार्टी में शामिल हो गया था, जब उन्होंने लोगों के साथ मिलना-जुलना बंद कर दिया था।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के बर्कले स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में बोलते हुए कहा कि 2012 में कांग्रेस पार्टी में घमंड आ गया था और पार्टी ने जनता से संवाद कम कर दिया, जिसके चलते आम लोगों से दूरी बन गई। अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में छात्रों को संबोधित करते हुए विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे।
राहुल ने अपने भाषण में कहा कि देश का माहौल खराब है। पत्रकारों पर हिंसा हो रही है। मुसलमान बीफ के लिए सताए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि देश में सांप्रदायिक और ध्रुवीकरण करने वाली ताकतें सिर उठा रही हैं।
उन्हांेने कहा कि बीजेपी एक मशीन की तरह है। करीब एक हजार लोग कंप्यूटर पर बैठे रहते हैं। वो आपको मेरे बारे में बताएंगे। ये (बीजेपी) एक खास तरह की मशीन है। वो पूरे दिन मेरे बारे में गलत प्रचार करती है। ये सब उस शख्स के इशारे पर हो रहा है जो देश चला रहा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में है, हालांकि यही एक ऐसी विचारधारा है जो मानवता को आगे ले जा सकती है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लागू की गई। नोटबंदी से फायदे की बजाय जीडीपी में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने RTI को ‘बंद’ कर दिया है।
अहिंसा पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि दुनियाभर में अहिंसा की विचारधारा खतरे में है। लेकिन अहिंसा ही एक विचार है जो मानवता को आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा, “मैंने अपने पिता और दादी को हिंसा में खोया है। मैं हिंसा को नहीं समझूंगा तो कौन समझेगा।”
राहुल ने कहा कि देश ने बीते 70 साल में जितनी तरक्की हासिल की है, उसकी विकास की रफ्तार को भारत में सिर उठा रहे ध्रुवीकरण, नफरत की राजनीति मंद कर सकते हैं। राहुल ने कहा कि लिबरल जर्नलिस्ट्स की हत्या की जा रही है, दलितों को पीटा जा रहा है, मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।