कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार किसानों का शोषण कर रही है और उनकी आवाज दबाने में लगी लेकिन उसे समझ लेना चाहिए कि उसकी आवाज़ की अनुगूंज को दबाया नहीं जा सकता है। राहुल और प्रियंका गांधी ने कहा कि यह सरकार जबरन किसानों की आवाज को कुचलने में लगी हुई है लेकिन वह भूल रही है कि किसान की आवाज को दबाया नहीं जा सकता और जब वह गूंजती है तो उसके स्वर पूरे देश में सुनाई देते है।
राहुल गांधी ने कहा, “मोदी सरकार ने किसान पर अत्याचार किए- पहले काले क़ानून फिर चलाए डंडे लेकिन वो भूल गए कि जब किसान आवाज़ उठाता है तो उसकी आवाज़ पूरे देश में गूंजती है। किसान भाई-बहनों के साथ हो रहे शोषण के ख़िलाफ़ आप भी स्पीक अप फ़ॉर फार्मर्स कंपैन के माध्यम से जुड़िए।”
मोदी सरकार ने किसान पर अत्याचार किए- पहले काले क़ानून फिर चलाए डंडे लेकिन वो भूल गए कि जब किसान आवाज़ उठाता है तो उसकी आवाज़ पूरे देश में गूंजती है।
किसान भाई-बहनों के साथ हो रहे शोषण के ख़िलाफ़ आप भी #SpeakUpForFarmers campaign के माध्यम से जुड़िए। pic.twitter.com/tJ8bry6QWi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 30, 2020
वहीं, प्रियंका ने अपने ट्वीट में कहा, “नाम किसान कानून लेकिन सारा फायदा अरबपति मित्रों का किसान कानून बिना किसानों से बात किए कैसे बन सकते हैं। उनमें किसानों के हितों की अनदेखी कैसे की जा सकती है। सरकार को किसानों की बात सुननी होगी। आइए मिलकर किसानों के समर्थन में आवाज उठाए।”
नाम किसान कानून
लेकिन सारा फायदा अरबपति मित्रों काकिसान कानून बिना किसानों से बात किए कैसे बन सकते हैं? उनमें किसानों के हितों की अनदेखी कैसे की जा सकती है?
सरकार को किसानों की बात सुननी होगी। आइए मिलकर किसानों के समर्थन में आवाज उठाएं।#SpeakUpForFarmers pic.twitter.com/av8i7jhUpt
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 30, 2020
इससे पहले शनिवार को राहुल गांधी ने एक तस्वीर को साझा करके केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। तस्वीर में एक जवान बुजुर्ग किसान पर डंडे चलाता हुआ नजर आ रहा है। राहुल ने तस्वीर साझा करते हुए लिखा था, ‘बड़ी ही दुखद फोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया। यह बहुत खतरनाक है।’
वहीं, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के प्रतिनिधियों ने कहा, अगर सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर है, तो उसे बात करनी चाहिए। भारतीय किसान एकतागृह के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा, हम बॉर्डर से नहीं हटेंगे। हमारी मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। इससे कम हमें कुछ भी मंजूर नहीं है।