कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध के बीच चीनी सैनिकों के पीछे हटने के लिए सहमति बनने की पृष्ठभूमि में मंगलवार (7 जुलाई) को मोदी सरकार से तीन सवाल पूछे है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार की तरफ से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने पर जोर क्यों नहीं दिया गया और सरकारी बयान में गलवान घाटी पर भारत की संप्रभुता का उल्लेख क्यों नहीं है।
राहुल गांधी ने भारतीय विदेश मंत्रालय और चीनी विदेश मंत्रालय के बयानों को शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होता है। भारत सरकार का कर्तव्य है कि वह इसकी रक्षा करे।’’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘पूर्व की यथास्थिति बहाल करने पर जोर क्यों नहीं दिया गया? हमारे क्षेत्र में 20 निहत्थे जवानों की हत्या को चीन को सही ठहराने क्यों दिया गया? गलवान घाटी पर हमारी भूभागीय संप्रभुता का उल्लेख क्यों नहीं किया गया?’’
National interest is paramount. GOI's duty is to protect it.
Then,
1. Why has Status Quo Ante not been insisted on?
2. Why is China allowed to justify the murder of 20 unarmed jawans in our territory?
3. Why is there no mention of the territorial sovereignty of Galwan valley? pic.twitter.com/tlxhl6IG5B— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 7, 2020
गौरतलब है कि, तनाव कम होने के पहले संकेत के रूप में चीनी सेना ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों से अपनी सीमित वापसी शुरू कर दी। इससे एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात की जिसमें वे एलएसी से सैनिकों के ‘‘तेजी से’’ पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए।
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि डोभाल और वांग के बीच रविवार को हुई वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता की पूर्ण बहाली के लिए ‘‘जल्द से जल्द’’ सैनिकों का ‘‘पूरी तरह पीछे हटना’’ आवश्यक है तथा दोनों पक्षों को मतभेदों को विवाद में तब्दील नहीं होने देना चाहिए। डोभाल और वांग दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता से संबंधित विशेष प्रतिनिधि हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)