उच्च पदों से अब जल्द ही आईएएस का वर्चस्व खत्म हो जाएगा। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संयुक्त सचिव स्तर के पद गैर आईएएस अधिकारियों के लिए भी खोल दिए हैं। सरकार के इस फैसले के बाद सिविल सर्विसेज परीक्षा पास किए बिना भी योग्य उम्मीदवार वरिष्ठ अधिकारी बन सकते हैं। जी हां, मोदी सरकार संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा पास किए बिना अनुभवी लोगों को नौकरशाह बनाने जा रही है। सरकार के इस फैसले के बाद प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले भी UPSC परीक्षा पास किए बिना बड़े अधिकारी बन सकते हैं।
यह भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा से इतर होगी और इसमें संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। प्रयोग के तौर पर फिलहाल 10 पदों पर भर्ती की जाएगी। संयुक्त सचिव स्तर पर अधिकारियों की कमी से जूझ रही केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र में उच्च पदस्थ लोगों को सीधे संयुक्त सचिव नियुक्त करने के लिए एक विज्ञापन जारी किया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने ऐसे 10 पदों के लिए रविवार को अधिसूचना भी जारी कर दी है। इच्छुक उम्मीदवार 15 जून से 30 जुलाई के बीच आवेदन कर सकेंगे।
प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन के अनुसार सरकार प्रतिभाशाली लोगों को आमंत्रित कर रही है। ये लोग राजस्व, आर्थिक सेवाओं, आर्थिक मामलों, कृषि, समन्वय, कृषक कल्याण, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, पर्यावरण, वन और पर्यावरण, नई और अक्षय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और वाणिज्य क्षेत्र में कार्य करने के लिए आमंत्रित किए गए हैं। केंद्र सरकार के नियुक्ति और प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि भारत सरकार प्रतिभाशाली लोगों की सेवाएं संयुक्त सचिव स्तर पर लेकर उन्हें राष्ट्र निर्माण से जोड़ने की इच्छुक है।
यह नियुक्ति शुरुआत में तीन साल के लिए होगी। अगर प्रदर्शन अच्छा देखा गया तो इसे पांच साल के लिए बढ़ाया जाएगा। ये लोग विभाग के सचिव और अतिरिक्त सचिव के मातहत कार्य करेंगे, जो आमतौर पर आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और अन्य अधीनस्थ सेवाओं के होते हैं। वैसे केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी भी इन्हीं सेवाओं से आए होते हैं। इनकी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा त्रिस्तरीय परीक्षा के जरिए की जाती है। निजी क्षेत्र के जिन विशेषज्ञों को सरकारी सेवा के लिए आमंत्रित किया गया है उनकी एक जुलाई, 2018 को न्यूनतम 40 वर्ष की आयु होनी चाहिए। वे ग्रेजुएट होने चाहिए।
Novel way for BJP Central Govt to bring those with RSS backgrounds into the govt.
Who will decide ? How will they finally be chosen ? What is the true criteria ?
No, I don’t mean what’s been put out in writing … my guess is they already have names of those who will make it. pic.twitter.com/ZwEOu93b5k— Nivedith Alva (@nivedithalva) June 10, 2018
अतिरिक्त योग्यता वाले आवेदनकर्ता को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इन पदों के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी भी आवेदन कर सकते हैं। योग्यतानुसार उनका चयन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों में कार्यरत लोग भी आवेदन कर सकते हैं। उनके लिए 15 साल का अनुभव आवश्यक होगा। चयनित अधिकारियों को संयुक्त सचिव के लिए अनुमन्य 1,44,200 रुपये से 2,18,200 रुपये का वेतनमान मिलेगा। भत्ते और सुविधाएं इसके अतिरिक्त होंगे। इन पदों के लिए 30 जुलाई तक आवेदन किए जा सकते हैं। सूचीबद्ध किए जाने वाले लोगों को साक्षात्कार के बाद नियुक्ति दी जाएगी।
This is absolutely ridiculous & stupid and Will not stand the scrutiny of courts! If no one challenges this idioticity to take away from merit then I along with with aspirants & ppl in service will go to court on this . This is the corporatization of bureaucracy. pic.twitter.com/sVhHDlMRiy
— Tehseen Poonawalla Official ???????? (@tehseenp) June 10, 2018
बता दें कि संयुक्त सचिव सरकार में वरिष्ठ प्रबंधन का महत्वपूर्ण स्तर पर होते हैं, जो अपने विभागों में नीति निर्माण और विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाते हैं। वह संबंधित मंत्रालयों में सचिव व अतिरिक्त सचिव को रिपोर्ट करते हैं। संयुक्त सचिव के पद आमतौर पर यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से भरे जाते हैं। राज्य सरकारों और केंद्रीय या राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के आवेदक प्रतिनियुक्त पर रखे जाएंगे, जबकि निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों की नियुक्ति संविदा के आधार पर होगी। नीति आयोग ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि काफी समय से यह लंबित था।
राहुल गांधी ने पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले महीने ही संकेत दे दिए थे।यूपीएससी रैंक की बजाय फाउंडेशन कोर्स में नंबरों के आधार पर कैडर आवंटित किए जाने के सरकार के सुझाव को लेकर राहुल गांधी ने 22 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि पीएम मेरिट लिस्ट से छेड़छाड़ कर केंद्रीय सेवाओं में आरएसएस की पसंद के अधिकारियों को भर्ती करना चाहते हैं।
साथ ही राहुल गांधी ने छात्रों से अपने भविष्य को लेकर जागने की अपील की थी। राहुल गांधी ने कहा था कि छात्रों, खड़े हो जाओ, क्योंकि आपका भविष्य खतरे में है। उन्होंने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक पत्र को अपने ट्वीटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘छात्रों, खड़े हो जाओ, आपका भविष्य खतरे में है। आरएसएस वो हथियाना चाहता है जिस पर आपका अधिकार है।’
Rise up students, your future is at risk! RSS wants what’s rightfully yours. The letter below reveals the PM’s plan to appoint officers of RSS’s choice into the Central Services, by manipulating the merit list using subjective criteria, instead of exam rankings. #ByeByeUPSC pic.twitter.com/VSElwErKqe
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 22, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष ने उस वक्त ही दावा किया था, ‘इस पत्र से यह खुलासा होता है कि प्रधानमंत्री (यूपीएससी) परीक्षा की रैकिंग की बजाय मेरिट में छेड़छाड़ करके केंद्रीय सेवाओं में आरएसएस की पसंद के अधिकारियों की नियुक्ति करना चाहते हैं।’ अपने इस ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने हैशटैग के रूप में #ByeByeUPSC भी लिखा था। अब आखिरकार राहुल गांधी की भविष्यवाणी सही साबित हुई।