कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन के संदर्भ में कथित तौर पर ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करने को लेकर खुद का बचाव किया है। राहुल ने कहा कि अगर रक्षा मंत्री का पद कोई पुरुष भी संभाल रहा होता तो उनकी यही टिप्पणी होती। बता दें कि राहुल गांधी को रक्षा मंत्री सीतारमण पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग से पिछले दिनों नोटिस मिला था।
रक्षा मंत्री को लेकर उनकी कथित ‘महिला विरोधी’ टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर जिसके लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है, राहुल गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये चुराने में मदद की और लोकसभा ऐसी जगह है जहां उन्हें अपना बचाव करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने एक अन्य इंसान को भेजना पसंद किया और वह इंसान महिला थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि वह पुरुष भी होता तो भी मैं वही टिप्पणी करता। मुझ पर अपनी लैंगिक भेदभाव की मनोवृति मत थोपो। मैं बिल्कुल स्पष्ट हूं कि प्रधानमंत्री को अपना बचाव रखना चाहिए था लेकिन उनमें साहस नहीं था।’’ गांधी ने कहा कि कांग्रेस को अबतक इस बात का जवाब नहीं मिला कि क्या रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के राफेल सौदे को ‘‘बायपास’’ करने पर ऐतराज किया था।
बता दें कि सीतारमण लोकसभा में प्रधानमंत्री की ओर से बोली थीं तथा कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देते हुए राफेल सौदे का बचाव किया था। इस पर गांधी ने बुधवार को जयपुर में एक रैली में कहा था कि मोदी को राफेल सौदे पर संसद में अपना बचाव करने के लिए एक महिला को आगे करना पड़ा। उन्होंने कहा था कि 56 इंच का सीना रखने वाला चौकीदार भाग गया और एक महिला सीतारमण जी से कहा कि मेरा बचाव कीजिए। मैं अपना बचाव नहीं कर सकता, मेरा बचाव कीजिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी के इस बयान को सभी महिलाओं का अपमान करार दिया है।
“पिछले साढ़े चार वर्ष में भारत में असहिष्णुता तथा गुस्सा बढ़ा है”
वहीं, राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए दुबई में कहा कि संयुक्त अरब अमीरात की तरह भारत भी सहिष्णुता में यकीन करता है ‘लेकिन भारत में थोड़ा भटकाव हो रहा है, जहां बीजेपी बहुत आक्रामक, असहिष्णु है और हमारे संस्थानों पर हमले कर रही है एवं उन्हें नष्ट कर रही है।’ उन्होंने कहा कि लेकिन यह ‘अस्थायी ठहराव’ है जिसे 2019 के चुनाव के बाद ‘‘संभाला’’ जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में भारत में असहिष्णुता तथा गुस्सा बढ़ा है और यह सत्ता में बैठे लोगों की मानसिकता के कारण पनपा है।
बता दें राहुल गांधी इस वक्त संयुक्त अरब अमीरत की यात्रा पर है। यात्रा के दूसरे दिन उन्होंने कहा कि भारत कई विचारधारा आत्मसात कर सकता है तथा लोगों पर कोई विचारधारा नहीं सौंप सकता है। उन्होंने आम चुनाव से पहले वैश्विक संपर्क कार्यक्रम के तौर पर आईएमटी दुबई विश्वविद्यालय के छात्रों से परिसंवाद में कहा,‘‘भारत में विचार आते हैं। भारत ने विचारों को गढ़ा है और विचारों ने भारत को गढ़ा है। अन्य लोगों को सुनना भी भारत का एक विचार है।’’
गांधी ने कहा, ‘‘सहिष्णुता हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। किंतु पिछले साढ़े चार वर्षों में हमारे घर (देश)में जो हुआ, उसे देखकर काफी दुख होता है। हमने असहिष्णुता, काफी क्रोध तथा समुदायों के बीच खाई देखी है। यह सत्तापक्ष में बैठे लोगों की मानसिकता से पनपा है।’’ उन्होंने कहा कि अगर नेतृत्व सहिष्णु होता है तो वह सहिष्णु तरीके से काम करेगा और उस संदेश को फैलाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भारत आमतौर पर सहिष्णु है, हम दूसरे लोगों को सुनते हैं और हमें फिर उस ओर लौटने की जरूरत है।’’
राहुल ने कहा कि भारत भूगोल से कहीं अधिक हैं। वह दुनिया को देखने का एक विशेष तरीका है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत को महज उसकी सीमाओं तक सीमित नहीं करना चाहता।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम एक ऐसा भारत पसंद नहीं करेंगे जहां पत्रकारों को गोली मार दी जाती है, जहां लोगों की हत्या इसलिए कर दी जाती है क्योंकि उन्होंने अपनी बात रखी। ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम बदलना चाहते हैं, आने वाले चुनाव में यही चुनौती है।’’ गांधी ने संयुक्त अरब अमीरात के संस्कृति, युवा और सामाजिक विकास मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान से भी मुलाकात की।