पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने देश की सभी सीमाओं पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होना भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने रविवार की देर रात ट्वीट कर कहा, ‘‘अफगानिस्तान का तालिबान के हाथों में जाना हमारे देश के लिए शुभ संकेत नहीं है। यह भारत के खिलाफ चीन-पाकिस्तान सांठगांठ को मजूबत करेगा (चीन पहले ही उयगुर को लेकर मिलिशिया की मदद मांग चुका है)। संकेत बिलकुल अच्छे नहीं हैं, हमें अब अपनी सीमाओं पर अतिरिक्त सजग रहने की जरुरत है।’’
Afghanistan’s fall to #Taliban doesn’t augur well for our country. It’ll strengthen the Sino-Pak nexus against India (China has already sought militia’s help on Uyghur). The signs are not at all good, we need to be extra vigilant now at all our borders.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) August 15, 2021
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के प्रवेश करने के बीच भारत वहां से अपने सैकड़ों अधिकारियों और नागरिकों को सुरक्षित निकाल रहा है। देश के ज्यादातर महत्वपूर्ण शहरों और प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा करने के बाद तालिबान के काबुल में प्रवेश करने पर कई लोगों ने देश छोड़ दिया है। अफगानिस्तान से निकलने का सिर्फ एक रास्ता काबुल एयरपोर्ट ही बचा है, लेकिन आज वहां फायरिंग के बाद स्थिति और बिगड़ गई।
Another Saigon moment: chaotic scenes at Kabul International Airport. No security. None. pic.twitter.com/6BuXqBTHWk
— Saad Mohseni (@saadmohseni) August 15, 2021
इस बीच, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी रविवार को देश छोड़कर चले गए। देश छोड़ने को लेकर हो रही आलोचना के बीच अशरफ गनी ने सोशल मीडिया के जरिए सफाई पेश की है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, आज मेरे सामने कठिन विकल्प है। मुझे कठिन फैसला लेना पड़ा। मुझे तालिबान के सामने खड़ा रहना चाहिए। मैंने बीते 20 साल से अपनी जीवन यहां के लोगों को बचाने में बिताया है।
उन्होंने आगे कहा, मैंने अगर देश नहीं छोड़ा होता तो यहां की जनता के लिए अंजाम बुरे होते। तालिबानियों ने मुझे हटाया है। वो काबुल में यहां के लोगों पर हमले के लिए यहां आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान ने हिंसा से लड़ाई जीत ली है। अब उनकी जिम्मेदारी है को वो अफगानिस्तान के लोगों की रक्षा करे। उन्होंने लिखा है कि खूनखराबे से बचने के लिए मेरा अफगानिस्तान से जाना ही सही लगा।