बैंकों ने जब लोगों से पूछा कि आपने अब तक पुराने नोट जमा क्यों नहीं कराए थे तब लोगों का गुस्सा सर चढ़कर बोलने लगा और बैंककर्मियों को खरी-खोटी सुननी पड़ी।
File photoगत् दिवस सरकार ने पुराने नोटों को जमा करने का आखिरी मौका देते हुए आदेश दिया था कि पुराने नोट जमा करने से पहले दो बैंक अधिकारियों के सामने आपको बताना पड़ेगा कि आपने अब तक पुराने नोट जमा क्यों नहीं कराए थे।
अब सरकार ने 48 घंटे के अंदर ही अपने पुराने आदेश को वापस लेते हुए पुरानी पांबदियों को हटा दिया है। लेकिन कल लोगों ने बैंक अधिकारियों को नोट जमा ना करने के अजीबो-गरीब उदाहरण सुनाए।
मीडिया रिपोट्स के अनुसार, पेशे से टीचर एक व्यक्ति बैंक में नोट जमा करवाने गए तो उनसे पूछा गया कि अब तक पैसे जमा क्यों नहीं करवाए तो उन्होंने सीधा सा जवाब दिया कि मुझे लगा आखिरी दिनों में करवाऊंगा….क्योंकि बैंकों में काफी भीड़ थी। मैं भीड़ में खड़ा नहीं हो सकता. लेकिन रोज आ रहे नियम मुझे परेशान कर रहे हैं। इसलिए आज मैं सारे पैसों को जमा करवाने आ गया।
बैंक में रुपये जमा करवाने आई एक घरेलू महिला ने लिखा कि बेटे की शादी का इंतजार कर रही थी. मुझे पता था कि शादी में लोग पुराने नोट दे जाएंगे। सो इकट्ठे अब हुए हैं… मैं ले आई. अब जमा करिए…
नोट जमा करवाने आए एक छोटे दुकानदार ने लिखा कि प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री जी ने मना किया था कि जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। यह जवाब देखकर बैंककर्मी भी सख्ते में आ गए।
एक सब्जी विक्रेता ने लिखा मेरी क्या गलती है…. आपने 30 तारीख दी थी तो अब जमा करें… बार-बार सवाल पूछकर परेशान क्यों किया जा रहा है।
दिहाड़ी मजदूर ने लिखा कि मुझे नहीं पता… सरकार से पूछो… कभी कुछ कहते हैं कभी कुछ कहते हैं। सुबह से लाइन में लगे हैं। काम पर भी जाना है।
स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव ने लिखा कि 8 नवंबर 2016 से आज तक मैंनें कोई कैश अपने अकाउंट में जमा नहीं करवाया है। मुझे कोई कारण समझ में नहीं आता कि मैं इसके बैंक में देरी से डिपोज़िट करवाने लिए विशेष स्पष्टीकरण क्यों दूं। प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और आरबीआई ने मुझे आश्वासन दिया था कि बैंकों की ओर भागने की ज़रूरत नहीं है, डिपॉजिट के लिए मेरे पास 30 दिसंबर तक का समय रहेगा।
रामकुमार राम नाम के एक ऐसे ही ग्राहक ने फॉर्म में लिखा, ‘क्योंकि मुझे अपने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के कहे पर भरोसा था कि पुराने नोट जमा कराने के लिए हमारे पास 30 दिसंबर, 2016 तक का वक्त है। लेकिन, अब वे बदल गए।’ राम ने इस संबंध में बैंक अधिकारियों से हुई बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया पर भी दी।
उन्होंने लिखा, ‘आज मैं 500 और 1,000 रुपये के कुछ पुराने नोट जमा कराने के लिए अपना बैंक गया। वहां मुझे एक फॉर्म दिया गया जिसमें मुझे अब तक बैंक नहीं आ पाने के कारण बताने थे। मैंने यही लिखा जिसका फोटो अटैच है।’
दिल्ली के बुराड़ी स्थित बंगाली कॉलोनी के सुद्धोजीत मित्रा ने कहा, ‘इससे पहले कि सरकार कोई और नया कानून बना दे, मुझे अपना पैसा हर हाल में जमा करवाना है।’
कई बैंकों ने कहा कि जमकार्ता के जवाब को सही-सही समझ पाने का महारथ उनके पास नहीं है। हालांकि सरकार ने आज अपना 5000 रुपये वाला सर्कुलर वापस ले लिया है। अब ग्राहकों से अब तक पैसे जमा न करने की वजह नहीं पूछी जाएगी।