‘चूक हुई या चुनाव के कारण मोदी सरकार ने अपना फैसला बदला?’: ब्याज दर घटाने के फैसले पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के ‘यू-टर्न’ पर प्रियंका गांधी ने कसा तंज

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पश्चिम बंगाल की 30 और असम की 39 विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण के लिए हो रही वोटिंग के बीच मोदी सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती करने का फैसला वापस ले लिया है। 24 घंटे के भीतर ही वित्त मंत्रालय ने अपना आदेश वापस ले लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के फैसले को वापस लेगी और उन्होंने ब्याज दरों को 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के स्तर पर लाने का आश्वासन दिया। वित्त मंत्री ने कहा है कि यह आदेश गलती से निकल गया था। वित्त मंत्री के इस बयान के बाद मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया यूजर्स भी निर्मला सीतारमण को जमकर ट्रोल कर रहे हैं।

निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (1 अप्रैल) की सुबह ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं। पहले दिया गया आदेश वापस लिया जाएगा।’’

निर्मला सीतारमण के इस ट्वीट के बाद मोदी सरकार विपक्ष के साथ-साथ सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गई हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने वित्त मंत्री के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि क्या निर्मला सीतारमण ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेने के पहले समीक्षा की या कुछ सोचा…या फिर ये चुनाव के कारण मोदी सरकार ने अपना ये फैसला बदल दिया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक बार चुनाव जाने दीजिए भाजपा अपना अनर्थशास्त्र फिर से लागू करेगी।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी वित्तमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आपको वित्तमंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘वित्त मंत्री मैडम, आप ‘सरकार’ चला रही हैं या ‘सर्कस’? अर्थव्यवस्था के हालात की कल्पना ही की जा सकती है, जब करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाला आदेश ‘चूक’ से जारी कर दिया जाता है…आदेश में जिस ‘अधिकृत अधिकारी’ का ज़िक्र है, वह कौन है? वित्तमंत्री के पद पर बने रहने का आपको नैतिक अधिकार नहीं बचा है।’

वहीं, कांग्रेस नेता विनीत पुनिया ने अपने ट्वीट में लिखा, “भाजपा केवल ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है, जनता के बीच अपना भरोसा खो चुकी है। 2014 की ब्याज दरें नीचे दी गई हैं पर आम भारतीय पर भाजपा ने बार-बार आर्थिक चोट मारी है। बार-बार लघु बचत योजनाओं, कर्मचारियों के पीपीएफ बचत खातों, किसान बचत योजना/सुकन्या की ब्याज दरों में भारी कमी की है।”

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, “चुनाव के डर से मोदीशाहनिर्मला सरकार ने अपना गरीब व आम आदमी की Small Savings की ब्याज दर का निर्णय बदल दिया। धन्यवाद। लेकिन निर्मला जी यह वादा भी कर दीजिए कि चुनाव हो जाने के बाद भी आप फिर से ब्याज दर नहीं घटाएँगीं।”

दिग्विजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “निर्मला जी यह भी हमें बता दें कि किसकी “Oversight” से यह आदेश निकले और ऐसे समय में जब भाजपा लोगों को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है यह आदेश कैसे निकल गया।”

गौरतलब है कि, देर रात ही खबर आई थी कि छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार (31 मार्च) को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी। यह कटौती एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिए की गई थी।

वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गई थी। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती है।

ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गई थी। इस पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से कम करके 4.4 प्रतिशत करने का फैसला किया गया था। छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है।

पुरानी दरें बहाल होने के बाद पीपीएफ और एनएससी पर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा। इस तरह सुकन्या समृद्धि योजना के लिए 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा, जबकि पहले इसे घटाकर 6.9 प्रतिशत करने की बात कही गई थी।

पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखी जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों की योजना पर ब्याज का भुगतान त्रैमासिक आधार पर किया जाता है। बचत जमा पर ब्याज दर चार प्रतिशत होगी, जबकि इसे घटाकर 3.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था। (इंपुट: भाषा के साथ)

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