केंद्र और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की सहयोगी शिवसेना ने शुक्रवार (25 जनवरी) को प्रियंका गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि अगर वह अपने पत्ते सही तरीके से खेले तो वह ‘रानी’ बनकर उभरेंगी और उन्हें पार्टी में शामिल करके राहुल गांधी ने दिखा दिया कि आगामी आम चुनाव में जीत हासिल करने के लिये वह कुछ भी करने को तैयार हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख में यह बातें कही गई हैं।

पीटीआई के मुताबिक, शिवसेना ने कहा कि प्रियंका की शक्ल सूरत और बातचीत के तरीके में उनकी दादी इंदिरा गांधी की झलक दिखती है। लिहाजा कांग्रेस को निश्चित ही आम चुनावों के दौरान हिंदी पट्टी के राज्यों में इसका फायदा होगा। उसने पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रहे मामलों की चिंता किए बगैर प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने की सराहना की। पार्टी ने कहा कि अगर प्रियंका ने अपने पत्ते सही तरीके से खेले तो वह अपनी दादी की तरह ’रानी’ बनकर उभरेंगी।
बीजेपी की गठबंधन साझीदार शिवसेना ने साथ ही यह भी कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओं (बीजेपी नेताओं) के इस बयान का कोई मतलब नहीं है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘नाकाम’ होने के चलते प्रियंका को पार्टी में शामिल किया गया है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख ने राफेल लड़ाकू विमान खरीद के मुद्दे पर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी थीं।
शिवसेना के मुताबिक राहुल गांधी के मोदी सरकार पर राफेल सौदे में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को नजरअंदाज भी कर दें तब भी हाल ही में तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत का श्रेय उन्हें नहीं दिया जाना संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। लेख में कहा गया है, ’उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी गई। हालांकि राहुल गांधी ने बहुत ही धैर्य के साथ खुद को शांत रखा।’
लेख में कहा गया कि राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करके और सपा-बसपा को हरसंभव मदद देने और उसी समय प्रियंका को मुख्यधारा की राजनीति में लाने का फैसला करके अपने पत्ते सही तरीके से खेले। लेख के मुताबिक, ’इससे कांग्रेस को मदद मिलेगी। यहां तक कि प्रधानमंत्री को प्रियंका के राजनीति में आने पर बोलना पड़ा। लोगों ने परिवार को स्वीकार कर लिया है तो कुछ लोगों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?’
लेख में आगे कहा गया है कि बीजेपी नेहरू-इंदिरा परिवार को लेकर इसलिये शत्रुता की भावना रखती है क्योंकि वह उसे जबरदस्त प्रतिस्पर्धी के तौर पर देखती है। संपादकीय के मुताबिक बीजेपी, कांग्रेस की ओर से मजबूत चुनौती मिलने को लेकर डरी हुई है।