देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गई, यह पिछले सात साल का न्यूनतम स्तर है। आर्थिक विकास दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) के पिछले सात साल के अपने न्यूनतम स्तर पर चले जाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भोंपू बजाने वाली भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था को हालत पंचर कर दी। उन्होंने यह सवाल भी किया कि ‘अर्थव्यवस्था को नष्ट करने’ का जिम्मेदार कौन है?

प्रियंका गांधी ने शनिवार (31 अगस्त) की सुबह ट्वीट कर लिखा, “GDP विकास दर से साफ है कि अच्छे दिन का भोंपू बजाने वाली भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पंचर कर दी है। न GDP ग्रोथ है न रुपए की मजबूती। रोजगार गायब हैं। अब तो साफ करो कि अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देने की ये किसकी करतूत है?”
GDP विकास दर से साफ है कि अच्छे दिन का भोंपू बजाने वाली भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पंचर कर दी है।
न GDP ग्रोथ है न रुपए की मजबूती। रोजगार गायब हैं।
अब तो साफ करो कि अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देने की ये किसकी करतूत है?#EconomicSlowdown#EconomyCrisis
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 31, 2019
वहीं, पार्टी प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जीडीपी विकास दर पांच फीसदी पर पहुंच गई। नोटबंदी, जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने और अक्षमता के नतीजे लगातार दिख रहे हैं।’’ उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘ यह गिरावट वैश्विक मुद्दों के कारण नहीं है। यह ‘मोदी द्वारा पैदा की गई’ (मोदी मेड) आपदा है। मोदी है, तो मुमकिन है।’’ गौड़ा ने कहा, ‘‘ क्या अर्थव्यवस्था की स्थिति और बुरी होगी, क्या ध्यान भटकाने के लिए नई नई तरकीबें अपनाई जाएंगी?’’
गौरतलब है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गयी। यह पिछले सात साल का न्यूनतम स्तर है। विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि उत्पादन की सुस्ती से जीडीपी वृद्धि में यह गिरावट आई है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।
इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की अप्रैल- जून अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर सबसे निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही थी। एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। जबकि इससे पिछली तिमाही की यदि बात की जाये तो जनवरी से मार्च 2019 की तिमाही में वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी। (इंपुट: भाषा के साथ)


















