राष्ट्रपति कोविंद ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के फैसले को बताया ‘ऐतिहासिक’, बोले- गरीब नौजवानों के साथ हुआ न्याय

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण संबंधी सरकार के कदम को ‘‘ऐतिहासिक’’ करार देते हुए गुरुवार(31 जनवरी) को कहा कि इससे उन गरीब युवक-युवतियों के साथ न्याय हुआ है जो गरीबी के अभिशाप के कारण खुद को वंचित महसूस कर रहे थे।

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उन्होंने संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में यह भी कहा कि सरकार ने नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार के जघन्य अपराध की सज़ा के लिए अपराधी को फांसी की सजा देने जैसा महत्वपूर्ण फैसला किया। साथ ही वह तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं के जीवन भयमुक्त बनाने के लिए प्रयास कर रही है।

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘‘बीते शीतकालीन सत्र में संसद द्वारा संविधान का 103वां संशोधन पारित करके, गरीबों को आरक्षण का लाभ पहुंचाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। यह पहल, देश के उन गरीब युवक-युवतियों के साथ न्याय करने का प्रयास है जो गरीबी के अभिशाप के कारण वंचित महसूस कर रहे थे।’’

उन्होंने नौजवानों के लिए उठाए गए सरकार के कदमों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘नौजवानों को अपने व्यवसाय के लिए आसानी से ऋण प्राप्त हो, इसके लिए ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत, बिना किसी गारंटी के 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के ऋण दिए गए हैं। इसका लाभ, ऋण प्राप्त करने वाले 15 करोड़ से ज्यादा लोगों ने उठाया है।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘उच्च स्तरीय प्रोफेशनल एजुकेशन (पेशेवर शिक्षा) के अवसरों को बढ़ाने के लिए सरकार नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर रही है और 7 आईआईटी, 7 आईआईएम, 14 आईआईआईटी, एनआईटी और 4 एनआईडी की स्थापना की जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी नाबालिग के साथ बलात्कार करने के जघन्य अपराध की सज़ा के लिए सरकार ने अपराधी को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया है। कई राज्यों में तेजी से सुनवाई के बाद, दोषियों को फांसी की सजा मिलने से, ऐसी विकृत सोच रखने वाले लोगों में कड़ा संदेश गया है।’’

कोविंद ने कहा, ‘‘हमारी मुस्लिम बेटियों को डर और भय की ज़िन्दगी से मुक्ति दिलाने तथा उन्हें अन्य बेटियों के समान जीवन जीने के अधिकार देने हेतु मेरी सरकार, तीन तलाक से जुड़े कानून को संसद से पारित करवाने का लगातार प्रयास कर रही है।’’

अपने अभिभाषण में उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साढ़े चार वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था औसतन 7.3 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि देश अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2014 में वैश्विक जीडीपी में भारत का योगदान 2.6 प्रतिशत था, अब यह बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश अब विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अब हमारे देश के सामने चौथी औद्योगिक क्रांति में निर्णायक भूमिका निभाने का अवसर आया है। मेरी सरकार का यह प्रयास है कि देश के लोग इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास और रोजगार पैदा करने के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के प्रभावी परिणाम सामने आ रहे हैं। अब भारत मोबाइल फोन बनाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।

अपने अभिभाषण में उन्होंने यह भी कहा कि, जीएसटी से देश में एक ईमानदार और पारदर्शी व्यापारिक व्यवस्था का निर्माण हो रहा है जिसका काफी बड़ा लाभ देश के युवाओं को मिल रहा है। इस व्यवस्था से व्यापारियों के लिए पूरे देश में कहीं पर भी व्यापार करना आसान हुआ है और उनकी कठिनाइयां कम हुई हैं।

उन्होंने कहा, मैं देशवासियों को बधाई देता हूं कि शुरुआती दिक्कतों के बावजूद, देश के बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने बहुत कम समय में एक नई प्रणाली को अपनाया। राष्ट्रपति ने कहा, मेरी सरकार ने व्यापार जगत से मिल रहे सुझावों को ध्यान में रखकर जीएसटी में सुधार की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा है।

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