मंगलवार को कश्मीर के माछिल में शहीद हुए तीन जवानों में से एक जोधपुर के प्रभु सिंह के शव के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया गया है। आज उम्मीद है कि शव को पहले चंडीगढ़, फिर जोधपुर लाया जाएगा।
शहीद प्रभु सिंह के पिता चंद्र सिंह नेे पीएम मोदी के 2014 में 1 सिर के बदले 10 सिर लाने वाले चुनावी वादे की याद दिलाई और कहा कि सरकार को अब पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाना ही चाहिए, नहीं तो देश के जवान यूं ही मरते रहेंगे।
शहीद प्रभु सिंह की खबर के बाद से ही चंद्र सिंह के घर शेरगढ़ तहसील में मातम का माहौल बना हुआ है। बुधवार वाले दिन शहीद प्रभु सिंह 25 बरस के हो जाते। उनके जन्म दिन से एक दिन पहले ही कश्मीर के माछिल सेक्टर में पाकिस्तानी हमले के दौरान वह शहीद हो गए। जनसत्ता की खबर के अनुसार दो साल पहले ही प्रभु सिंह की शादी हुई थी।
प्रभु सिंह की 10 महीने की मासूम बेटी पलक को मालूम नहीं कि उसके पिता कहां चले गए है। शहीद प्रभु दिवाली के समय छुट्टी पर घर आए थे। घर में चार बहनों के इकलौते भाई प्रभु की दो बहनों की शादी हो चुकी है जबकि 2 बहनों की शादी की जिम्मेदारी अभी उनके कंधों पर बाकी थी।
शहीद के पिता चंद्र सिंह ने बताया कि मेरे पिता अचल सिंह ने भी कई सालों तक देश की सेवा की थी। मैं भी 1979 से 1998 तक फौज में रहा था। मेरी पोस्टिंग भी जम्मू-कश्मीर में रही थी।
मेरे तीन भाई भी सेना और पुलिस में रहे चुके हैं। देश की सेवा करना हमारी परंपरा रही है। आगे उन्होंने कहा कि चुनावी वादे कभी पूरे नहीं होते। कुछ ना कुछ कमी रह जाती है। प्रधानमंत्री को अब कुछ करना ही चाहिए।