मुंबई के साकीनाका इलाके में एक टेम्पो के भीतर रेप और यातना की शिकार हुई पीड़ित महिला ने शनिवार को अस्पताल में अलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि, ज्यादा खून बहने की वजह से पीड़िता की मौत हुई है। आरोपी ने महिला से बलात्कार करने के बाद उसके प्राइवेट पार्ट पर लोहे की रेड से बेरहमी से हमला किया था। पीड़िता की मौत के बाद अब राज्य में सियासी बवाल मच गया है। भाजपा की प्रदेश इकाई ने आरोपी के लिए मृत्यु दंड की मांग की और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी सरकार को घेरा।
पुलिस ने बताया कि साकीनाका में एक टेम्पो के अंदर 34 वर्षीय एक महिला के साथ कथित तौर दुष्कर्म एवं निर्दयता से हमला किया गया। पैंतालीस वर्षीय आरोपी व्यक्ति ने पीड़िता के निजी अंगों पर लोहे की छड़ से हमला किया। महिला की शनिवार तड़के निकाय संचालित राजावाडी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘‘साकीनाका महिला दुष्कर्म मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होनी चाहिए ताकि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिल सके। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात कर उनसे इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में कराने का आग्रह करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि सजा सुनाने का काम न्यायपालिका का है, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि साकीनाका दुष्कर्म मामले के आरोपी को मौत की सजा मिलनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि साकीनाका की यह घटना 2012 के ‘निर्भया’ दुष्कर्म मामले की याद दिलाती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं पर हमला चिंता का विषय है।
दिल्ली में दिसंबर 2012 में, एक युवती – जिसे बाद में ‘निर्भया’ कहा गया – के साथ दिल्ली में चलती बस के अंदर निर्दयता से सामूहिक दुष्कर्म और हमला किया गया, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। कई दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष के बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
प्रस्तावित शक्ति अधिनियम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मौजूदा कानून दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए पर्याप्त हैं। यह राज्य की इच्छा शक्ति पर है कि वह कड़े फैसले ले और तर्कसंगत अंत तक उसका पालन करे।’’
राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इस घटना की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है, क्योंकि अपराधियों में कानून का थोड़ा सा भी डर रह नहीं गया है। महिला किस तरह के दर्द से गुजरी है, यह जानना भयावह है और वह पीड़िता की मौत से बेहद दुखी हैं। राज्य सरकार को कार्रवाई करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस पर कुछ कहती है तो यह आरोप लग सकता है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर पार्टी राजनीति कर रही है लेकिन इस तरह के मामलों की संख्या खुद ही सबकुछ बयां कर रही है।
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम की तर्ज पर एक अधिनियम बनाने की मांग की ताकि इस तरह के अत्याचार में शामिल दोषियों को जल्दी जमानत न मिले।
इस बीच, संवाददाताओं से बातचीत में मुंबई की महापौर व शिवसेना नेता किशोरी पेडनेकर ने कहा, ‘‘मैं कल्पना नहीं कर पा रही हूं कि क्यों कुछ मर्द इतनी बेरहमी दिखाते हैं। मुझे जानकारी दी गई है कि पुलिस इस घटना से जुड़ी जानकारियां जुटा रही है और सबूत जमा कर रही है। कुछ समय लगेगा लेकिन सच का पता चलेगा।’’ (इंपुट: भाषा के साथ)