उत्तर प्रदेश: योगी राज में मंडी और स्कूल के बाद अब थानों पर चढ़ा भगवा रंग

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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद राज्य की परिवहन निगम बसों और यूपी का एनेक्सी हाउस यानी लाल बहादुर शास्त्री भवन, बुलंदशहर के सिकन्द्राबाद में अनाज, फ़ल और सब्ज़ी मंडी समिति को पूरी तरह भगवा रंग में रगने के बाद अब इसी कड़ी में राज्य के थानों में सरकार को खुश करने के लिए उनका रंग बदलकर भगवा किया जा रहा है। बिजनौर के अफजलगढ़ थाने को पूरी तरह से भगवा रंग से रंग दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मात्र थाने पर लगा पुलिस का बोर्ड ही पुलिस कलर में रह गया है वरना पूरी थाने की बिल्डिंग को भगवा रंग से रंग दिया गया है। थाने के अंदर बने एक-एक कमरे को भगवा रंग से सजा दिया गया है। वहीं थाने का रंग अचानक भगवा हो जाने से इलाके में यह एक चर्चा का विषय बना हुआ है।

ख़बरों के मुताबिक, ये भगवा रंग थानों में नही चढ़ा इसका असर मंडी समितियों में भी दिखाई दे रहा है। बिजनौर के नजीबाबाद की मंडी समिति को भी भगवा रंग में रंग दिया गया है। मंडी समिति की पूरी इमारत को भी भगवा रंग से रंग दिया गया है, जिसके बाद अब हर तरफ भगवा ही भगवा नजर आ रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, थानों पर भगवा रंग करने के मामले में पुलिस के आला अधिकारी इस बात से इनकार करते नजर आये। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई आदेश उनके स्तर से नहीं दिया गया है। एसपी सिटी दिनेश सिंह का कहना है कि थानों को सफेद और नीले रंग से रंगने का आदेश है, इस मामले को देखा जायेगा।

बता दें कि, अभी कुछ दिनों पहले ही ऐसी ख़बरे आई थी कि, पीलीभीत जिले में शिक्षकों के विरोध के बावजूद 100 से अधिक प्राइमरी स्कूलों को ‘भगवा रंग’ में रंग दिया गया है। यह मामला उस समय जानकारी में आया, जब जिलाधिकारी सहित जिले के अधिकारियों ने स्कूलों की जांच की।

बता दें कि, इससे पहले 25 सितंबर को योगी सरकार ने भगवा रंग की बसें सड़कों पर उतारी थी। इन बसों को दीनदयाल उपाध्याय का नाम दिया गया था। भगवा रंग की इन 50 बसों को ‘संकल्प सेवा’ कहा गया था।

हालांकि, रंग तो अक्सर सरकारों के साथ बदल जाते हैं, लेकिन यूपी में कलर पॉलिटिक्स नई नहीं है। बता दें कि, यूपी की सत्ता में जब भी कोई पार्टी आती है तो वो बसों का रंग बदल देती है। सत्ता में बसपा आई थी, परिवहन निगम की बसों से लेकर रोड डिवाइडरों तक के रंग नीले होने लग गए थे।

वहीं, जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तो बसें लाल और हरे रंग की होती थी। अब योगी सरकार भी कलर पॉलिटिक्स में कैसे पीछे रह सकती है। यही वजह है कि इमारतें भगवा रंग में रंगी जा रही है।

 

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