प्रचंड हवा और भारी बारिश के साथ फोनी का तांडव जारी: 3 लोगों की मौत, पीएम मोदी ने चक्रवात से जूझ रहे राज्यों के लिए जारी किए 1000 करोड़ रुपये

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भारी बारिश और 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ ने शुक्रवार को सुबह ओडिशा तट पर दस्तक दी। तूफान के कारण कई पेड़ उखड़ गए और झोपड़ियां तबाह हो गई। साथ ही मंदिर शहर पुरी के कई इलाके जलमग्न हो गए। अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान फोनी सुबह करीब आठ बजे पुरी पहुंचा। हालांकि पूर्व चेतावनी के कारण कम से कम 11 तटीय जिलों के निचले एवं संवेदनशील इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को एक दिन पहले ही गुरुवार तक हटा लिया गया।

Photo: Reuters

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारी बारिश और प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ पहुंचने के बाद विभिन्न घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। पुरी जिले के सखीगोपाल थानाक्षेत्र में एक पेड़ टूटकर एक किशोर पर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई। नयागढ़ जिले में कंकरीट के एक ढांचे का मलबा उड़कर एक महिला को जा लगा जिससे उसकी मौत हो गई। वह पानी लेने गई थी। वहीं, केंद्रपाड़ा जिले के देबेंद्रनारायणपुर गांव में एक शरणार्थी शिविर में 65 वर्षीय एक महिला की मृत्यु हो गई। ऐसा संदेह है कि महिला की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई

पीएम मोदी ने चक्रवात से जूझ रहे राज्यों के लिए जारी किए 1000 करोड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार चक्रवाती तूफान फोनी से प्रभावित राज्यों के साथ संपर्क में है और चक्रवात प्रभावित राज्यों को अग्रिम राशि जारी कर दी गई है। राजस्थान के हिंडौन सिटी कस्बे में जनसभा की शुरुआत में मोदी ने कहा, ‘आज जब हम सब यहां एकत्रित हुए हैं तो उस समय देश के पूर्वी और दक्षिणी तट पर रहने वाले लाखों परिवार भीषण चक्रवात का सामना कर रहे हैं। केंद्र सरकार ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी की सरकारों के साथ लगातार संपर्क में है।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘’मैं चक्रवात प्रभावित राज्य सरकारों को और वहां के लोगों को भरोसा देना चाहता हूं कि संकट के समय में केंद्र सरकार हमारे उन सभी परिवारों के साथ हैं जहां चक्रवात की आपदा आई है। बड़ी से बड़ी मुश्किल में हम सभी भारतीयों का एकजुट होकर मुकाबला करना एक भारत, श्रेष्ठ भारत की ही पहचान है।’‘ उन्होंने कहा कि कल ही हम इस चक्रवात से जूझ रहे राज्यों के लिए 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की अग्रिम राशि जारी कर चुके हैं। एनडीआरएफ, तटरक्षक बल, भारतीय नौसेना और थल सेना पूरी मुस्तैदी के साथ प्रशासन के साथ जुटी हुई है।

आठ बजे पुरी तट पर दी दस्तक

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच. आर. बिस्वास ने पीटीआई से कहा, ‘‘चक्रवात सुबह करीब आठ बजे पुरी तट पर पहुंचा और चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया पूरी होने में करीब तीन घंटे का समय लगेगा।’’ बिस्वास ने बताया कि चक्रवात का केंद्र करीब 28 किलोमीटर दूर है और वह 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। पुरी और आसपास के इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर पहुंच सकता है।

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बी. पी. सेठी ने बताया कि चक्रवात के कारण गंजाम, पुरी, खोरधा और गजपति जैसे कई तटीय जिलों में प्रचंड हवा चल रही है। उन्होंने बताया कि करीब 10,000 गांवों और 52 शहरी इलाकों से हटाए गए 11 लाख लोग 4,000 शिविरों में ठहरे हुए हैं जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिए बनाए गए 880 केंद्र शामिल हैं।सेठी ने बताया कि विमान से गिराने के लिए एक लाख से अधिक भोजन के पैकेट तैयार किए गए हैं। इसके लिए दो हेलीकॉप्टर भेजने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

भारतीय तटरक्षक बल ने विशाखापत्तनम, चेन्नई, गोपालपुर, हल्दिया, फ्रासेरगंज और कोलकाता में विभिन्न स्थानों पर 34 आपदा राहत टीमों को तैनात किया है। उसने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चार जहाजों को भी तैनात किया है। फोनी को सबसे खतरनाक चक्रवाती तूफान कहा जा रहा है। साल 1999 के सुपर चक्रवात में 10,000 लोगों की जान चली गई थी और उसने ओडिशा में जमकर तबाही मचाई थी। (इनपुट- भाषा के साथ)

 

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