‘शब्दकोश बदल गया है, महँगाई बेरोज़गारी की जगह रमज़ान और कब्रस्तान ने ले ली है’

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उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा कि ‘अगर गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए। रमजान में बिजली मिलती है तो दीवाली में भी मिलनी चाहिए। होली में बिजली मिलती है तो ईद पर भी मिलनी चाहिए। कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

पीएम मोदी के इस बयान के बाद वह विपक्ष के निशाने पर आ गए। सोशल मीडिया पर उनके इस बयान के अलग-अलग मतलब निकाले गए। बेहद तीखी प्रतिक्रियाओं के साथ सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी टिप्पणीयों से पीएम मोदी के बयान का जवाब दिया। वहीं दूसरी और कई नामचीन नेताओं ने इस पर खुलकर अपने विचार रखें।

इस बारें में आरजेडी नेता डाॅ. मीसा भारती ने कहा कि शब्दकोश बदल गया है। महँगाई बेरोज़गारी की जगह रमज़ान और कब्रस्तान ने ले ली है।

अपने भाषण में पीएम मोदी ने अपनी सरकार को गरीबों और किसानों का हमदर्द बताते हुए कहा कि जैसे ही उनकी सरकार बनेगी, पहली मीटिंग में ही किसान के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे। इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा कि  आप PM है साहब। देश में शमशान बनाने व किसानों के बिल माफ़ करने से किसी ने रोका है क्या? 56इंची व्यक्ति डरपोक रास्ते से देश को गुमराह नही करता।

अपने भाषण में PM मोदी ने अपनी मां के हवाले से बताया कि मेरी मां जिंदगी भर लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाती थी। उनका दर्द मैंने देखा और महसूस किया है। PM मोदी की इसी बात पर निशाना साधते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तो फिर अपनी माँ को अपने साथ क्यों नहीं रखते? मैंने किसी को इतनी बेशर्मी से अपनी 90 साल की बूढ़ी माँ का राजनीतिक दुरुपयोग करते नहीं देखा।

जबकि पीएम मोदी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं रखी।

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